गणेश मिश्रा-बीजापुर। केंद्र सरकार ने गढ़चिरौली-बीजापुर और बचेली तक 490 किलोमीटर और कोरबा से अम्बिकापुर तक 180 किलोमीटर रेल लाइन निर्माण की मंजूरी दी है। इसे लेकर रविवार को नक्सलियों के पश्चिम बस्तर डिविजनल कमेटी के सचिव मोहन ने प्रेस नोट जारी कर विरोध जताया है।
दरअसल, नक्सलियों के पश्चिम बस्तर डिविजनल कमेटी के सचिव मोहन ने प्रेस नोट जारी कर सरकार पर कार्पोरेटीकरण -सैन्यीकरण और उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है। नक्सली नेता का आरोप कि, इस रेल लाइन से आदिवासी और गैर आदिवासियों की कृषि जमीन पर कब्जा और घरों पर विनाश का खतरा मंडरा रहा है। वहीं नक्सल नेता ने जवानों पर इरिमगुंडा इलाके में ग्रामीणों से लूटपाट और मारपीट का भी आरोप भी लगाया है।
बीजापुर तक दौड़ेगी विकास की ट्रेन
उल्लेखनीय है कि, छत्तीसगढ़ के दूर सुदूर इलाकों में दौड़ेगी विकास की ट्रेन। रेल मंत्रालय ने राज्य को दो नई रेल लाइन की मंजूरी दे दी है। रेल लाइन की सौगात से अब बीजापुर भी तेज़ी से विकास की पटरी पर दौड़ेगा। वहीं दूसरी रेल लाइन कोरबा से अंबिकापुर के बीच शुरू होगी। इसके लिए फाइनल सर्वे व डीपीआर तैयार करने के लिए रेल मंत्रालय ने 16.75 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है।
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यहां देखें रेल मंत्रालय से मिली मंजूरी
दरअसल केंद्र सरकार ने दो जिला बीजापुर और कोरबा को नई रेल लाइन की सौगात दी है। जिसमे पहली रेलवे लाइन महाराष्ट्र के गढ़चिरौली से छत्तीसगढ़ के बचेली तक होगी जो बीजापुर से होकर गुज़रेगी। इस रेल लाइन की लम्बाई 490 किलोमीटर की होगी। वहीं दूसरी रेलवे लाइन 180 किलोमीटर की कोरबा से अंबिकापुर के बीच शुरू होगी।
करोड़ों की मिली सौगात
इन दोनों रेल लाइन के सर्वे और डीपीआर निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने 16.75 करोड़ रुपये की राशि मंज़ूर दी है। वहीं प्रदेश को इस बड़ी सौगात मिलने के बाद सीएम विष्णुदेव साय ने पीएम मोदी और रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव का आभार व्यक्त किया है।