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रविवि ने महाविद्यालयों को सूचना दिए बगैर अपनी वेबसाइट में बीकॉम प्रथम वर्ष की परीक्षाएं नए पैटर्न से लिए जाने संबंधित अधिसूचना वेबसाइट पर अपलोड कर दी

■ कॉलेजों ने रविवि को लिखा खत-पुराने पैटर्न पर ही लें पर्चे
■ वार्षिक परीक्षा में अब तक पूछे जाते रहे हैं सिर्फ पांच प्रश्न
■ नए पैटर्न में बहुविकल्पीय और लघु उत्तरीय प्रश्न भी, बदलाव सिर्फ प्रथम वर्ष में

रायपुर । पं. रविशंकर शुक्ल विवि के फरमान से इन दिनों महाविद्यालयों की की नींद उड़ गई है। रविवि ने महाविद्यालयों को सूचना दिए बगैर अपनी वेबसाइट में बीकॉम प्रथम वर्ष की परीक्षाएं नए पैटर्न से लिए जाने संबंधित अधिसूचना वेबसाइट पर अपलोड कर दी। यह मार्गदर्शिका सिलेबस के साथ अपलोड की गई थी। कॉलेजों को पृथक रूप से इसकी जानकारी मायाको नहीं दी गई थी। मार्च में होने होने वाली वार्षिक परीक्षाओं से कुछ दिनों पूर्व ही जब कॉलेजों का ध्यान इस पर गया तो हड़कंप मच गया। 

अब कॉलेजों ने खत लिखकर विश्वविद्यालय से मांग की है कि पुराने पैटर्न पर ही परीक्षाएं ली जाएं। इसमें भी अजीब बात यह है कि रविवि द्वारा सिर्फ बीकॉम प्रथम वर्ष के पैटर्न में ही बदलाव किया गया है। अन्य विषयों का पैटर्न पूर्ववत ही रखा गया है। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम अब तक लागू नहीं किया गया है, लेकिन एग्जाम पैटर्न लागू कर दिया गया है। प्रदेश के किसी अन्य विश्वविद्यालय में ऐसा कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। सिर्फ रविवि ने ही यह अजीबो-गरीब बदलाव किया है।

ऐसा अंतर 

पुराने पैटर्न में छात्रों से मात्र 5 सवाल पूछे जाते थे। ये सभी दीर्घ उत्तरीय होते थे। नए पैटर्न के अनुसार, प्रश्नपत्र को तीन भागों में बांटा गया है। परीक्षा में दीर्घ उत्तरीय सवालों के साथ ही बहुविकल्पीय और लघु उत्तरीय प्रश्न भी पूछे जाएंगे। कॉलेजों ने विश्वविद्यालय को खत लिखकर मांग की है कि असमंजस की स्थिति एवं व्यवहारिक दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए पुराने पैटर्न पर ही परीक्षाएं ली जाएं।

कैसे प्रदान करें आंतरिक अंक ?

लिखित परीक्षा 75 अंकों की होगी और 25 अंक आंतरिक मूल्यांकन के होंगे। आंतरिक मूल्यांकन के 25 अंकों में से 10 अंक असेसमेंट के होंगे, जबकि 15 अंक सेमिनार, वर्कशॉप, एजूकेशन विजिट तथा इस तरह के अन्य चीजों के दिए जाएंगे। चूंकि महाविद्यालयों को इस संदर्भ में जानकारी ही नहीं थी, इसलिए उनके द्वारा इस तरह की कोई गतिविधियां नहीं कराई गई। यदि रविवि पैटर्न नहीं बदलता है तो आंतरिक अंक कैसे प्रदान करें, इसे लेकर भी कश्मकश की स्थिति बनी हुई है।

पृथक रूप से सूचना नहीं

प्राइवेट कॉलेज एसोसिएशन के सचिव डॉ. देवाशीष मुखर्जी ने बताया कि, हमें पृथक रूप से कोई सूचना ही नहीं दी गई। वेबसाइट पर गुपचुप इसे अपलोड कर दिया गया। सभी महाविद्यालयों ने पुराने पैटर्न पर ही तैयारी करवाई है। बदलाव नहीं हुआ तो परिणाम बिगड़ेंगे।
 

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