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रायपुर जिले में पिछले वर्ष से कलेक्टर गाइड लाइन के बाजार भाव में जमीन की कीमत बढ़ी नहीं है। इस बार गाइड लाइन में जमीन की कीमत में बढ़ोतरी किए जाने की संभावना अधिक है।  

रायपुर। रायपुर जिले में पिछले करीबन 7-8 वर्ष से कलेक्टर गाइड लाइन के बाजार भाव में जमीन की कीमत बढ़ी नहीं है और न ही इतने वर्षों में जमीन की कीमत को लेकर कोई सर्वे हुआ है। लंबे समय से कलेक्टर गाइड लाइन में जरूर जमीन की कीमत बढ़ी नहीं है, लेकिन हकीकत में रायपुर सहित जिले के कई क्षेत्रों में जमीन की कीमत दो से चार गुना तक बढ़ चुकी है। इसे देखते हुए इस बार गाइड लाइन में जमीन की कीमत में बढ़ोतरी किए जाने की संभावना अधिक है। 

पंजीयन विभाग के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, नई गाइड लाइन तय करने के लिए पंजीयन विभाग के मुख्यालय से सभी जिलों में प्रस्ताव बनाने के संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। इसके तहत 31 मार्च तक प्रस्ताव मंगाए गए हैं। इन प्रस्ताव को मंजूरी देने से पहले पंजीयन विभाग द्वारा दावा-आपत्तियां लिए जाएंगे, जिसका निराकरण के बाद नई गाइड लाइन लागू की जाएगी। इस कारण इस बार नई गाइड लाइन एक मई से लागू किए जाने की संभावना है। 

एक अप्रैल से गाइड लाइन लागू करने का नियम, सर्वे-प्रस्ताव तक नहीं बना 

हर बार नए वित्तीय वर्ष में एक अप्रैल से कलेक्टर गाइड लाइन लागू की जाती है, लेकिन इस बार एक माह विलंब से गाइड लाइन लागू किए जाने की संभावना है। गाइड लाइन में जमीन की नई दरें तय करने के लिए प्रस्ताव बनाए जाते हैं। ये प्रस्ताव तहसील स्तर पर किए गए सर्वे के आधार पर बनाए जाते हैं। तहसील कार्यालयों के माध्यम से किस क्षेत्र में डेवलपमेंट के कार्य ज्यादा हो रहे हैं, उन क्षेत्रों में जमीन की कीमत कितनी बढ़ी हैं। इसका सर्वे कर पता लगाया जाता है। सर्वे के बाद तहसीलदारों द्वारा रिपोर्ट बनाई जाती है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही प्रस्ताव प्रशासन को भेजे जाते हैं। जिस पर अंतिम निर्णय दावा-आपत्तियों के निराकरण के बाद फाइनल गाडइ लाइन जिला मूल्यांकन समिति को भेजी जाती है।

सैकड़ों लोकेशन, जहां जमीन की दरें बढ़ने की संभावना 

राजधानी रायपुर सहित जिलेभर में लंबे समय से सरकारी रिकॉर्ड में जमीन की दरें बढ़ी नहीं हैं, जबकि इतने लंबे समय के दौरान ऐसे हजारों लोकेशन हैं, जहां जमीन की दरें कई गुना बढ़ चुकी हैं। इसमें रायपुर के चारों विधानसभा क्षेत्र में ऐसे सैकड़ों लोकेशन होंगे, जहां जमीन की दरें गाइड लाइन में अब तक बढ़ नहीं पाई है। सर्वे में इन सभी लोकेशन में दरें बढ़ने के आसार हैं। 

हेक्टेयर - वर्गमीटर, संपत्ति मुख्य मार्ग एवं सिंचित भूमि की दरों का प्रस्ताव में उल्लेख  

उप जिला मूल्यांकन समिति के द्वारा प्रस्तावित दर में 4 कालम होंगे। इसमें जमीन की हेक्टेयर दर, वर्गमीटर दर, संपत्ति मुख्यमार्ग पर स्थित दर्ज करना होगा।

इन लोकेशन में बढ़ी जमीन की कई गुना दरें 

शहर के अंदर अलावा अब आउटर क्षेत्रों में भी कई लोकेशन में जमीन की दरें कई गुना बढ़ चुकी हैं। इनमें अमलीडीह, देवपुरी, डूमरतराई, लाभांडी, कचना, सहू-मोवा, खमतराई, भनपुरी, सेजबहार के आसपास के कई गांव, वीआईपी रोड से लगे कई गांव, माना, मंदिर हसौद जैसे कई लोकेशन हैं। इसके अलावा जिले के धरसींवा, अभनपुर, खरोरा, नया रायपुर जैसे क्षेत्रों में भी कई लोकेशन में जमीन की कीमत कई गुना बढ़ चुकी है।

इन बिंदुओं पर की जाएगी गाइड लाइन तैयार 

गाइड लाइन में ऐसे सभी कंडिकाओं का विलोपन किया जाये, जिसमें कोई स्थान दो या अधिक कंडिकाओं में ओवर लैपिंग होते हो। नगर और ग्राम निवेश के मास्टर प्लान की जानकारी ली जाएगी। इसका उद्देश्य यह तय करना है कि इन क्षेत्रों में प्रचलित बाजार दर के आधार पर गाइडलाइन दर में समान हो। गाइडलाइन तैयार करते समय, हर कंडिका के लिए अलग-अलग दृष्टिकोण रखने के बजाय, पूरे नगर या ग्राम को एक रूप में देखा जाएगा। उसके स्थानों और बस्तियों का वर्गीकरण किया जाएगा। इस वर्गीकरण के आधार पर दरें तय की जाएंगी। एक ही वार्ड, ग्राम, कालोनी या अलग-अलग श्रेणियों जैसे एचआईजी, एमआईजी, एलआईजी के लिए एक ही कंडिका निर्धारित की जाएगी। अगर कंडिकाओं की संख्या बढ़ाई जाती है, तो उसे स्पष्ट रूप से बताया जाएगा। जिस क्षेत्र में ज्यादा रजिस्ट्री हुई है, इसका आंकलन कर नई दर निर्धारित की जाएगी। सभी पटवारियों और तहसीलदारों से बाजार मूल्य की जानकारी ली जाएगी।

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वाडों के वर्तमान परिसीमन आधार पर ही गाइडलाईन दर तैयार की जाएगी। विकसित मार्ग तथा निर्माणाधीन मार्गों का समावेश गाइड लाइन में हो इसका विशेष ध्यान रखना होगा। किसी रिहायशी कालोनी या मोहल्ले में 40 फीट से अधिक चौड़ाई की सड़क मुख्य मार्ग मानी जाएगी। इसके अलावा इससे कम चौड़ाई की सड़क जो दो इलाकों को जोड़ने वाली सड़क के रूप में प्रयुक्त होती हो, वह भी मुख्य मार्ग मानी जाएगी। यदि गाइडलाइन में प्रत्येक दस्तावेज में मुख्यमार्ग का नाम देते हुए। उसमें संपत्ति की स्पष्ट दूरी का उल्लेख अनिवार्य होगा निकटतम मुख्यमार्ग का नाम तथा स्पष्ट दूरी अंकित नही होने पर संपत्ति के मुख्यमार्ग में होने की उपधारणा की जाएगी। रोड से लगे व्यावसायिक काम्प्लेक्स तथा आवासीय काम्प्लेक्स के लिए केवल रोड का ही दर प्रस्तावित किया जाएगा। गाईड लाइन दर के लिए संलग्न डेटा शीट अनुसार तैयार करना होगा। यह भी तय करन होगा कि कोई भी स्थान दो अलग-अलग दरों के अंतर्गत न आए। एक सड़क के लिए समान दर प्रस्तावित हो चाहे वह सड़क अलग-अलग वाडों से गुजरती हो। रोड का एक किनारा एक वार्ड को तथा दूसरा किनारा अन्य वार्ड में हो तो ऐसा न हो कि किसी सड़क के एक वार्ड में अलग दर हो और दूसरे वार्ड में बिल्कुल अलग दर हो।

अब तक आए नहीं प्रस्ताव 

 रायपुर पंजीयन विभाग के पंजीयक विनोज कोचे ने बताया कि, नई गाइड लाइन में जमीन की दरों को लेकर अभी कोई प्रस्ताव आए नहीं है। प्रस्ताव पर दावा-आपत्तियों के लिए 15 दिनों का समय दिया जाएगा, जिसका निराकरण के बाद नई गाइड लाइन लागू होगी। 

नई गाइड लाइन पर काम चल रहा 

रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह ने बताया कि, नई गाइड लाइन पर काम चल रहा है। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद इसकी जानकारी देंगे। 

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