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नगर पंचायत बलौदा अंतर्गत 14 तालाब अतिक्रमकारियों की चपेट में है।अतिक्रमणकारियों ने निस्तारी तालाबों को भी नहीं बख्शा है। 

जांजगीर-चांपा। जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा नगर में दर्जनभर से अधिक तालाबों को अतिक्रमणकारी लील रहे हैं। यहां अतिक्रमणकारियों ने नोनी, बाबू और अंधरी तालाब समेत कुल 14 तालाबों में अतिक्रमण कर लिया है, जिससे इन तालाबों का जल भराव क्षेत्र 50 फीसदी तक कम हो गया है। खास बात यह है कि, एनजीटी के आदेश के परिपालन में नगरीय प्रशासन विभाग तालाबों को सुरक्षित रखने यहां कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। नगर पंचायत बलौदा अंतर्गत 14 तालाब अतिक्रमकारियों की चपेट में है।अतिक्रमणकारियों ने निस्तारी तालाबों को भी नहीं बख्शा है। कहीं तालाब की पार में मकान बना लिए गए हैं तो कहीं काम्प्लेक्स बनाकर दुकानें चल रही हैं। ऐसे में पुरखों के धरोहर कई तालाबों का जलभराव का एरिया सिमटकर कम हो गया है। तो कुछ अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। 

बलौदा के मुख्य निस्तारी तालाब नोनी, बाबू तालाब, अंधरी तालाब, कोयली पुरैना, बिलखपुर, नगउ तालाब, नवा तालाब में अतिक्रमण हो गया है। 100 एकड़ का बंधवा तालाब अब आधे रकबे में सिमट गया है। इसी प्रकार मया सागर, तेंदु डबरी, बूंदी रमचंदा, रामसागर, मजीटहा, मानिकबंद तालाब भी अतिक्रमणकारियों के चपेट में है। ऐसा भी नहीं है कि इन तालाबों में हुए अतिक्रमण की जानकारी शासन-प्रशासन को न हो। नगर पंचायत प्रशासन के अपने आंकड़ों में जो जानकारी दी गई थी उसके आधार पर एनजीटी के प्रकरण क्रमांक ओए 78/2024 अंतर्गत नगरीय निकाय के जल स्त्रोतों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से प्रदेश के 122 में से बलौदा नगर पंचायत अंतर्गत इन 14 तालाबों में हुए अतिक्रमण को मुक्त कराने नगरीय प्रशासन विभाग ने संबंधित नगर पंचायत प्रशासन को 12 जुलाई को आदेश किया है। लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है।

नियमानुसार कार्रवाई

 नगर पंचायत बलौदा के सीएमओ दीपक एक्का ने बताया कि, एनजीटी के आदेश के परिपालन में तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई की जा रही है। राजस्व विभाग को सूची भेजी गई है। प्रशासन के दिशा- निर्देशन में कार्रवाई होगी।

बलौदा के सामाजिक कार्यकर्ता ने लगाई है याचिका

जांजगीर-चांपा जिला के बलौदा के ही सामाजिक कार्यकर्ता जगदीश प्रसाद देवांगन ने एनजीटी के समक्ष एक याचिका प्रस्तुत की है, जिसमें उन्होंने अपने क्षेत्र के तालाबों पर हुए कब्जों को लेकर यह याचिका लगाई थी, लेकिन सुनवाई के दौरान पूरे छत्तीसगढ़ में तालाबों पर कब्जे की स्थिति पर संज्ञान लिया गया है। उनका कहना है कि अवैध और अनाधिकृत रूप से विभिन्न अतिक्रमण किए गए हैं और बिना अतिक्रमण किए गए हैं और बिना किसी अधिकार के विभिन्न निर्माण किए गए हैं। पर्यावरण नियमों के उल्लंघन किया गया है। बलौदा क्षेत्र में एक तालाब पर कब्जे के संबंध में उन्होंने याचिका में कहा है कि बस स्टैंड के पास खसरा नं. 2591, जो कि बलौदा नगर में लगभग 3.46 एकड़ है, में बिना किसी प्रबंधन योजना और सीवरेज के उपचार के प्रावधान के अनुपचारित सीवेज जल को जल निकाय में छोड़ा जा रहा है।

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