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छत्तीसगढ़ में सरकारी तौर पर भी स्कूलों के लिए बेहतर इंतजाम की कोशिशें सरकारें करती रही हैं। तमाम सुविधाएं भी दी जाती हैं, लेकिन वनांच के कई गांव स्कूल से महरूम हैं।

रविकांत सिंह राजपूत- मनेन्द्रगढ़। छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ जिले के वंनाचल में एक गांव ऐसा भी है जहां से स्कूल 20 किमी. दूर है। पूरे प्रदेश में सोमवार को जब प्रवेशोत्सव मनाया जा रहा था, तब इस गांव के बच्चे सरकार और प्रशासन से अपने लिए स्कूल खोलने की गुहार लगा रहे थे।

उल्लेखनीय है कि, इस गांव से स्कूल की दूारी ज्यादा होने की वजह से कुछ ही बच्चे चहां जाने का साहस दिखा पाते हैं। क्योंकि उन्हें हर रोज 20 किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ता है। वहीं अगर बड़े-बुजुर्गों की बात की जाए तो इन लोगों को अब तक यह नहीं पता कि, आखिर स्कूल दिखता कैसा है। यह पूरा मामला भरतपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत कुदरा का है। 

शाला प्रवेशोत्सव के दिन लगाई गुहार

शाला प्रवेशोत्सव के मौके पर जब स्कूलों के पट खुले, तब इन बच्चों ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि, गांव में लगभग 60 बच्चे हैं। जिनमें से सिर्फ 20 बच्चे जनकपुर ब्लाक मुख्यालय या च्यूल ग्राम पंचायत के सरकारी स्कूल में जाकर पढ़ाई करते हैं। स्कूल से गांव तक पहुंचने के लिए कच्चा रास्ता बना हुआ है और ये बच्चे बीते 5 सालों से सुदूर वंनाचल गांव में स्कूल बनाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन इन बच्चों की गुहार किसी के कानों तक नहीं पहुंच पा रही है।

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