गणेश मिश्रा- बीजापुर। छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न हो चुके हैं और परिणाम भी आ चुके हैं। अब बारी सरकार बनाने और अध्यक्ष पद के शपथ लेने की है। चुनाव के बाद हम आपको मतदान से जुड़ी यह रिपोर्ट आप तक महज इस वजह से पहुंचा रहे हैं, क्योंकि यह खबर चुनाव से जुड़ी हुई और गनतंत्र पर लोकतंत्र के जीत की महत्वपूर्ण खबर है, क्योंकि विकास के रास्तों ने अब आतंक के दरवाजों को बंद कर दिया है।
दरअसल, चुनाव खत्म होने के बाद बीजापुर जिले के उसूर क्षेत्र के टेकमेटला गांव के एक युवक ने हरिभूमि डॉट कॉम को पत्र लिखकर बताया कि,उसके पूरे गांव के लोगों ने तकरीबन 20 साल बाद मतदान किया है। युवक लोकेश कुंजाम ने एक वीडियो के माध्यम से यह भी बताया है कि, उसने भी पहली बार लोकतंत्र के पर्व में हिस्सा लेकर अपने मताधिकार का उपयोग किया है।
सलवा जुडूम के बाद पहली बार ग्रामीणों ने किया मतदान
उसूल इलाके के टेकमेटला गांव के लोग तकरीबन 20 साल बाद मतदान किया। लोगों ने सलवा जुडूम के बाद पहली बार मतदान में हिस्सा लेकर अपने गांव की सरकार के साथ-साथ जिला और जनपद पंचायत की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई है। चुनाव में हिस्सा लेने के लिए ग्रामीण ट्रैक्टरों के अलावा पैदल चलकर पोलिंग बूथ तिम्मापुर (बासागुड़ा) तक का 20 किमी का सफर तय किया।
अति संवेदनशील इलाका है टेकमेटला
गांव के युवा मतदाता लोकेश कुंजाम ने बताया कि, वह उसूर ब्लॉक के ग्राम पंचायत पोलमपल्ली के आश्रित गांव टेकमेटला का निवासी है। यह गांव टेकमेटला अति संवेदनशील और सुदूर इलाके में स्थित है। लोकेश ने लगभग 20 साल बाद पहली बार पंचायत चुनाव में भाग लिया है। यह क्षेत्र 2005 के सलवा जुडूम आंदोलन के बाद से राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल का सामना कर रहा था। जिसके कारण हजारों आदिवासी विस्थापित और प्रताड़ित हुए थे। इसके बाद से यहां के लोगों ने कभी भी चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया था।
पहली बार मतदान कर ग्रामीणों ने रचा इतिहास
लोकेश ने बताया कि, गांव के युवाओं ने इस चुनाव में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने न केवल खुद वोट डाला, बल्कि अन्य लोगों को भी पोलिंग बूथ तक ले जाने का जोखिम भरा काम किया। यह क्षेत्र इतना संवेदनशील है कि यहां सरकारी योजनाएं और सुविधाएं भी ठीक से नहीं पहुंच पाई है। ऐसे में इस चुनाव में भाग लेना ग्रामीणों के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी। आगे कहा कि, मैंने खुद भी पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। यह चुनाव हमारे लिए बेहद खास है क्योंकि सलवा जुडूम के दौरान हमारे गांव के लोगों ने बहुत कुछ झेला था। आज लगभग 20 साल बाद हमने अपने मत का प्रयोग किया है। यह हमारे लिए लोकतंत्र को मजबूत करने का एक अवसर था।