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जशपुर जिले के जामझोर पंचायत में मुनादी करवा कर चावल नहीं देने से भड़के ग्रामीण। जाँच में 251 क्विंटल चावल गायब, जिम्मेदार एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर झाड़ रहे पल्ला। 

मयंक शर्मा- जशपुर- कोतबा। हमेशा विवादों में रहने वाले ग्राम पंचायत जामझोर में गुरुवार को भारी हंगामा हुआ। चावल वितरण कराने के लिए ग्राम पंचायत द्वारा मुनादी करा कर सैकड़ों ग्रामीणों को बिठा दिया, जबकि पीडीएस गोदाम में चावल था ही नहीं। सुबह से भूखे अपना घरेलू कामकाज छोड़कर बैठी महिलाएं- पुरुष सैकड़ों ग्रामीण भड़क कर जशपुर कलेक्टर रोहित व्यास को फोन कर हो रही अनियमितता की शिकायत दर्ज कराई। कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल पत्थलगांव खाद्य निरीक्षक अजय प्रधान को जाँच में भेजा जहाँ भारी मात्रा में अनियमितता पाई गई। 

विदित हो कि, मुनादी करवा कर हितग्राहियों को पंचायत में एकत्रित कर चावल नहीं मिलने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि, उन्हें कई महीनों से इसी तरह घुमाया जाता है। बुलाकर आधे हितग्राहियों को चावल वितरण किया जाता है। आधे का फिंगर लगवा कर चावल खत्म हो गया बोलकर बैरंग लौटा दिया जाता है। कई हितग्राहियों को 2-3 माह से चावल नहीं मिला है तो कई का फिंगर ई पोस मशीन में लेने के बाद भी चावल नहीं दिया जाता है। चावल के साथ पूरे गाँव में आबंटन में आए चने भी विक्रेताओं ने दबा दिया था। जाँच में पहुंचे खाद्य निरीक्षक अजय प्रधान ने ग्रामीणों के समक्ष निष्पक्ष जांच कर भौतिक सत्यापन किया जिसमें जाँच पंचनामा बनाया गया।

भौतिक सत्यापन में हकीकत उजागर

जाँच में ग्राम पंचायत जामझोर की शासकीय उचित मूल्य दुकान आई डी 562008068 में दुकान संचालक सरपंच अलीजा पैंकरा के पति राजेश्वर पैंकरा, विक्रेता मंजीत पैंकरा तथा पूर्व संचालक व सरपंच जयमती पैंकरा के द्वारा भारी अनियमितता करना पाया गया है। जाँच के समय इपोस मशीन व साइड में चावल की मात्रा 251.30 क्विंटल, नमक 12.84 क्विंटल, शक्कर 12.5 क्विंटल दिखाया गया। वहीं मौके में हुए भौतिक सत्यापन में चावल निरंक, शक्कर निरंक, नमक 12.50 क्विंटल, चना 4.42 क्विंटल पाया गया। खाद्यान्न की कमी के संबंध में राजेश्वर पैंकरा द्वारा दिए बयान में उनके द्वारा अक्टूबर 24 से वितरण करना स्वीकार किया। तथा उसी समय मे 1 महीना चावल की कमी होने का खुलासा किया। 

अनेक कार्डधारी बैरंग लौटे

वहीं पूर्व संचालक व सरपंच जयमती पैंकरा ने बताया कि, उनके द्वारा सितंबर 24 तक खाद्यान्न वितरण किया गया है। जिसके पूर्व ही दिसंबर 23 या जनवरी 24 से चावल की कमी गो गई थी। विक्रेता द्वारा स्टॉक की कमी के संबंध में कुछ भी स्पष्ट नहीं बताया गया। स्टॉक रजिस्टर भी प्रस्तुत नहीं किया गया, केवल वितरण रजिस्टर अक्टूबर 24 से फरवरी 25 तक प्रस्तुत किया गया। जांच समय तक कुल 682 राशनकार्ड धारियों में से 432 राशनकार्ड धारियों को राशन वितरण किया था। शेष सभी को बैरंग लौटना पड़ा है। 

खाद्यान्न की कमी के साथ अनियमितता भी मिली

अजय प्रधान, खाद्य निरीक्षक पत्थलगांव ने कहा कि, कलेक्टर महोदय के आदेशानुसार जाँच की जा रही है। मौके में खाद्यान्न की कमी के साथ भारी अनियमितता पाई गई है। जाँच चल रही है। उच्चाधिकारियों को जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत कर आदेशानुसार कार्यवाही की जाएगी।

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