अमित गुप्ता- रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एक हाथी का शावक गड्ढे में गिर गया। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंची। जिसके बाद वन विभाग के टीम के साथ ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद हाथी के शावक को सुरक्षित बाहर निकाला। मामला धरमजयगढ़ वनमंडल के लैलूंगा रेंज के चिल्ला गुड़ा क्षेत्र का है।
रायगढ़। गड्ढे में गिरे हाथी के शावक को वन विभाग की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाला। @RaigarhDist #ChhattisgarhNews #raigarh pic.twitter.com/NjEhpKelnd
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) December 3, 2024
हाथी बने साथी
वहीं पिछले सप्ताह अलग-अलग रेंज के डेढ़ सौ से अधिक हाथी एक ही जगह पर एकत्रित हुए थे। ऐसा ही एक वीडियो जिले से वायरल हुआ था। वीडियो में 50 हाथियों का दल मेन सिथरा मेन रोड को पार कर रेल लाइन की तरफ जा रहा था। वीडियो वायरल होने के बाद वन विभाग ने क्षेत्र के गांव के ग्रामीणों को सावधानी बरतने की अपील की गई थी।
जानकारी के अनुसार, जिले में 151 हाथी अलग-अलग रेंज के अलग-अलग बीट में विचरण कर रहे थे। जिले में हाथियों की बड़ी संख्या होने की वजह से वन विभाग, हाथी मित्र दल के अलावा हाथी टैकरों की टीम ड्रोन कैमरे के अलावा अन्य तरीके से हाथियों की हर मूवमेंट पर नजर बनाए हुए हैं। छाल रेंज के हाटी बीट में विचरण कर रहे 50 हाथियों के दल का एक वीडियो सामने आया था।
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58 हाथियों का दल कर रहा था विचरण
छाल रेंज के हाटी बीट में विचरण कर रहे 50 हाथियों के दल में से ही एक हाथी का बच्चा कल सुबह वन विभाग के तालाब में नहाते समय पानी में डूबकर मर चुका था। इस घटना के बाद वन विभाग लगातार इस दल पर नजर बनाये हुए थे। अकेले छाल रेंज की बात करें तो यहां कुल 58 हाथी अलग-अलग बीट में विचरण कर रहे थे। इसी तरह बेहरामार में दो, छाल में एक, कुडुकेकेला में एक, बनहर में एक, लोटान में एक, औरानारा में एक, बोजिया बीट में एक हाथी विचरण कर रहा था। 58 हाथियों के इस दल में नर हाथी की संख्या 14, मादा हाथी 29 के अलावा 15 बच्चे शामिल थे।
साथी चुनने के लिए होते हैं एकत्रित
विशेषज्ञों की मानें तो हाथी अपनी बुद्धिमत्ता, घनिष्ठ पारिवारिक संबंधों और सामाजिक जटिलता के लिए जाने जाते हैं, और वे वर्षों तक अन्य व्यक्तियों और स्थानों को याद रखते हैं। वे एक तरल विखंडन-संलयन समाज में रहते हैं, जिसमें माता-संतान के बंधन से लेकर परिवारों, बंधन समूहों, कुलों, स्वतंत्र नरों और अजनबियों तक के रिश्ते फैले हुए हैं। अलग-अलग हाथियों के बीच विशेष संबंध जीवन भर बने रह सकते हैं। हाथी अपना साथी चुनने और संसर्ग के लिए भी एक जगह पर एकत्रित होते हैं।