यशवंत गंजीर-कुरुद। जीवन में हर व्यक्ति का सपना होता है कि, उसका खुद का पक्का मकान हो। जिसमें वह अपने परिवार के साथ सुरक्षित और हंसी-खुशी के साथ सुखमय जीवन जी सके। गरीब परिवारों के लिए पक्का आवास का सपना, सपना बनकर ही रह जाता है। वहीं अब प्रधानमंत्री जन मन आवास योजना के अंतर्गत वर्षों का यह सपना साकार हो रहा है। यह मजदूरी करने वाली धान बाई की जिंदगी को बदलने वाली योजना साबित हुई। साथ ही इस योजना से न केवल एक परिवार के सपने को पूरा किया बल्कि अन्य जिलों के ग्रामीणों को भी लाभ मिला। केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना ने खड़मा निवासी कुलेश्वरी के सपने को भी साकार किया। 

केंद्र सरकार की दो योजनाएं बनीं मील का पत्थर 

धमतरी जिले के ग्राम पंचायत मारागांव निवासी धान बाई जो की पेशे से मजदूरी करती थी। उसका सपना था कि, वह एक पक्के मकान में अपने परिवार के साथ खुशहाल जिंदगी जिए। जिसके लिए केंद्र सरकार की दो योजनाएं मील का पत्थर साबित हुई। उसे सम्मान भरा जीवन यापन करने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत 90 दिनों तक के रोजगार के साथ 19 हजार 890 रुपये मजदूरी मिली। 

झोपड़ी से रिसता था पानी 

कर रहे सुरक्षित और आनंदित जीवन व्यतीत 

साथ ही उसके पक्के मकान के सपने को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना से 2 लाख रुपये की राशि प्राप्त हुई। जिससे न केवल उन्होंने अपने घर का निर्माण कराया बल्कि बची हुई राशि से आगे के जीवन के लिए सहेज कर रखा। धान बाई ने केंद्र व राज्य सरकार का इस योजना के सफल संचालन व मदद के लिए आभार जताया। साथ ही कहा कि, आज उसका पूरा परिवार सुरक्षित और आनंदित जीवन व्यतीत कर रहा है।

महत्वकांक्षी योजना ने कुलेश्वरी के सपने को किया साकार

प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना से लोगों के सपने साकार हो रहे हैं। ग्राम पंचायत खड़मा निवासी कुलेश्वरी पहरिया पहले मिट्टी के कच्चे मकान में असुविधाओं के साथ रोजी-मजदूरी कर जीवन यापन कर रही थी। उसका भी सपना था कि, उसके बच्चे और परिवार पक्के मकान में रह सकें। जब भी बारिश होती थी छत टपकने के साथ आंखों के आंसू उसके सपनों के आशियाने को धुंधला करता था। आज केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना ने केवल उसके सपनों को पूरा किया बल्कि आज उन्हें एक सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर प्रदान किया। 

पीएम आवास योजना से मिला पक्का मकान

कई समस्याओं का करना पड़ता था सामना 

कुलेश्वरी पहरिया बताती है कि, कच्चे मकान में रहने के कारण असुविधा तो होती ही थी साथ ही उसे पक्का मकान बनाना असंभव लगने लगा था। कुलेश्वरी बताती है कि, मिट्टी और घासफूस से ढंके खपरे का घर होने के कारण बरसात के दिनों में पानी का टपकना, जमीन में नमी आ जाना, दीवारों में सीलन व कई अन्य प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता था। लेकिन आज सरकार ने उसके इस सपने को पूरा किया जिसके लिए उसने राज्य सरकार के साथ ही केंद्र सरकार का भी आभार व्यक्त किया। कुलेश्वरी को अलग-अलग किश्तों के माध्यम से 2 लाख 19 हजार 890 रूपये की अनुदान राशि प्राप्त हुई, जिससे उसका सपना पूरा हुआ और उनका पूरा परिवार चिंतामुक्त हो गया।