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छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश कांग्रेस की अंतर्कलह उफान पर है। ऐसे में लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी को खड़ा करने की चुनौती से निपटा जाएगा

रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नए प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट दो दिन की समीक्षा के बाद यहां पर संगठन में बदलाव करने जा रहे हैं। पीसीसी अध्यक्ष को उन्होंने प्रदेश संगठन और जिला अध्यक्षों को बदलने के संबंध में सूची तैयार करने कहा है। बताया जाता है कि आने वाले माह में नए पदाधिकारियों की घोषणा भी कर दी जाएगी। पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज के कुर्सी संभालने के बाद पुराने जिला अध्यक्षों के माध्यम से ही काम चलाया जा रहा था। एआईसीसी द्वारा उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाए रखने की अनुमति मिलने के बाद वे अपनी नई टीम तैयार करेंगे।

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश कांग्रेस की अंतर्कलह उफान पर है। ऐसे में लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी को खड़ा करने की चुनौती से निपटा जाएगा। बताया जाता है कि विधानसभा चुनाव के दौरान जिला और ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्षों द्वारा जो नाम सुझाए गए, उनके अनुसार टिकट न बांटकर सर्वे को आधार बनाया गया। अब परिणाम आने के बाद वहां के प्रत्याशी स्थानीय नेताओं और जिला कांग्रेस को दोषी बताया जा रहा है। पार्टी की समीक्षा में भी कई बातें सामने आई हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि संगठन में फेरबदल कर पार्टी में अंतर्कलह को दूर किया जाएगा। संगठन स्तर पर हर जिले के विधानसभा चुनाव के परिणामों की समीक्षा के अनुसार लगभग जिला और ब्लॉक अध्यक्षों को तहत पद से हाथ धोना पड़ेगा। 

नई टीम तैयार करेंगे बैज

पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज की नियुक्ति चुनाव के चार माह पहले हुई थी। उसके पूर्व पीसीसी की कमान मोहन मरकाम के हाथों में थी। उन्होंने संगठन में अपने अनुसार जिला और ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति की थी। नए अध्यक्ष के आने के बाद जगदलपुर और एक- दो जगहों के जिला अध्यक्षों को बदला गया। वहीं कई जिला अध्यक्षों ने भी टिकट के लिए दावेदारी की थी। हालांकि उनमें से एक-दो को टिकट भी मिला, पर वे चुनाव हार गए। पार्टी इसकी समीक्षा कर नए लोगों को मौका देगी।

जिला अध्यक्षों की होगी छुट्टी

जहां पार्टी को भारी नुकसान हुआ, वहां पर जिला अध्यक्षों की भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। इन जिलों में रायपुर, दुर्ग, कवर्धा, बलौदाबाजार, महासमुंद, बलरामपुर, कोरिया, सरगुजा, रामानुजगंज, बैकुंठपुर, कोरबा, बिलासपुर सहित कई अन्य जिले भी शामिल हैं, जहां पार्टी को भारी हार का सामना करना पड़ा। यहां पर संगठन के स्थानीय विधायकों से समन्वय और अन्य मामलों की समीक्षा की गई।

इन नामों की चर्चा

रायपुर जिले में जहां पर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। यहां पर शहर और ग्रामीण जिला अध्यक्ष को बदला जाना तय माना जा रहा है। शहर अध्यक्ष के लिए युवा चेहरे की तलाश की जा रही है।

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