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धान परिवहन (उठाव) नही होने से जगह के अभाव के चलते प्रबंधक द्वारा धान खरीदी बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया है। नतीजतन किसानों की समस्या बढ़ गई है। 

सुमीत बड़ाई-बांदे-कांकेर। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू हो गई हैं लेकिन समय पर धान का परिवहन ना होने की वजह से खरीदी केंद्रों ने धान खरीदी बंद करने का निर्णय लिया है। कांकेर जिले के बांदे विकासखंड में पिछले तीन दिनों से धान खरीदी बंद है। प्रबंधन ने एक नोटिस दीवाल पर चिपकाकर जगह होने का हवाला देते हुए खरीदी केंद्र को बंद कर दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार, बांदे विकासखंड के के धान खरीदी केंद्रों में पिछले तीन दिन से खरीदी बंद है। पिछले दो 2 महीने में अब तक 50 फीसदी ही खरीदी हो पाई है। ऐसे में महज एक महीने का समय और बचा हुआ है, जिसमें धान खरीदी कर पाना खरीदी केंद्रों के लिए असंभव प्रतीत हो रहा है। धान का परिवहन ना होने की वजह से खरीदी केंद्रों में धान की छल्लियों का अंबार लगा हुआ है लेकिन प्रशासन अब तक इसका परिवहन करने में नाकामयाब हो रहा है। जबकि धान खरीदी जारी हुए दो महीने बीत चुके हैं।

8 खरीदी केंद्रों में लटका ताला 

बांदे विकासखंड के 8 खरीदी केंद्रों में ताला लटका हुआ दिखाई दे रहा है। खरीदी केंद्र की दिवार पर एक नोटिस चस्पा की गई है, जिसमें साफ लिखा हुआ है कि, खरीदी केंद्र में धान का परिवहन ना होने की वजह से जगह नहीं है। इसलिए खरीदी केंद्र बंद किया जा रहा है, नतीजतन किसान परेशान हो रहे हैं। खरीदी केंद्र के कर्मचारियों ने बताया कि, हमनें उच्च अधिकारियों को जानकारी दी है लेकिन उसके बाद भी अब तक परिवहन चालू नहीं किया गया है। जबकि इतना कम समय बचा हुआ है ऐसे में अगर खरीदी ऐसे ही बंद रहा तो पूर्ण रूप से धान खरीद पाना सम्भव नहीं होगा। 

 धान के रख-रखाव की कोई व्यवस्था नहीं 

आपको बता दें कि, खरीदी केंद्रों में धान के रख-रखाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। खुले आसमान के नीचे ही छल्लियां लगाकर धान रख दिया गया है. जिससे धान सुखकर और कम हो रही है। जिससे केन्द्र प्रभारी को नुकसान हो रहा है। वहीं खरीदी केन्द्र बंद होने से किसान अपनी फसल को लेकर काफी चिंतित दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में यदि कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया तो किसानों के साथ सरकार को भी काफी नुकसान सहना पड़ सकता है।
 

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