रायपुर- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने राज्य मंत्री नित्यानंद राय से पूछा कि, नक्सल उन्मूलन अभियान में इस्तेमाल करने वाले संसाधनों पर होने वाले खर्च की केंद्रीय हिस्सेदारी 100 प्रतिशत से घटाकर 60 प्रतिशत क्यों कर दी गयी। इस पर जबाव देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री राय ने उन्हें बताया कि, भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के मुताबिक, पुलिस और लोक व्यवस्था राज्य सरकारों के पास हैं। इसलिए भारत सरकार वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए राज्यों की केवल मदद करती है। 

महत्वपूर्ण कमियों को दूर करने के लिए किया जाता है

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री राय ने कहा कि, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित 30 जिलों में महत्वपूर्ण कमियों को दूर करने के लिए निधियां प्रदान की जाती हैं। यह 100% केंद्र की स्कीम है। इसके अलावा वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए राज्यों के सहायता देने के लिए काफी वृद्धि की गई है। क्योंकि साल 2011-12 से 2016-17 के बीच वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए गृह मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ को 479.80 करोड़ रुपये की राशि दी थी। जबकि साल 2017-18 और 2022-23 के बीच यानी पिछले 6 सालों के दौरान ऐसी स्कीमों के माध्यम से 1666.40 करोड़ रुपये की राशि दी जा रही है। 

किन-किन राज्यों में वामपंथी उग्रवाद है

कुछ स्कीमों के होने के बावजूद वामपंथी उग्रवाद कई जिलों में अब भी दिखाई पड़ता है। ऐसे में प्रभावित होने वाले सभी राज्यों को गृह मंत्रालय की तरफ से 2172.79 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई थी, जबकि वर्ष 2017-18 और 2022-23 के बीच पिछले 06 सालों के दौरान 5601.28 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और केरल वामपंथी उग्रवाद में शामिल हैं।