जितेंद्र सोनी- जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में रेबीज रोग से ग्रसित 12 साल के बच्चे की मौत हो गई। वहीं 24 वर्षीय एक युवक की हालत गंभीर है। युवक का इलाज ओडिशा के राउरकेला में जारी है। 12 साल के बच्चे को कुत्ते से बचाने के दौरान दोनों को कुत्ते ने काटा था। जिस बच्चे को कुत्ते ने काटा था उसे एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाया गया था। वहीं बचाने वाले एक बच्चे और युवक दोनों को एंटी रेबीज इंजेक्शन नहीं लगा था। दो महीने पहले अक्टूबर मेंडॉग बाईट की घटना हुई थी। घटना तपकरा थाने के केरसई की है।
जशपुर जिले में रेबीज रोग से पीड़ित 12 साल के बच्चे की मौत हो गई जबकि एक युवक की हालत गंभीर है। दो महीने पहले कुत्ते ने बच्चे पर हमला किया था. @JashpurDist #Chhattisgarh #Death #DogBite pic.twitter.com/qYMrLVmiuU
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) December 10, 2024
आश्रम में छात्र की मौत
वहीं बीते दिनों पहले आदिवासी विकास विभाग के कोयाबेकूर में संचालित बालक आश्रम में पहली कक्षा के छात्र की बीमारी से मौत हो गई। मेडिकल कॉलेज डिमरापाल में 7 साल के माड़वी दुला ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। सिर दर्द की शिकायत के बाद 1 दिसंबर की रात को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां बिगड़ती तबीयत को देखते हुए चिकित्सकों ने जगदलपुर रेफर कर दिया। यहां इलाज के दौरान छात्र की मौत हो गई।
कोयाबेकूर आश्रम अधीक्षक बंशराज ने बताया कि, बच्चा स्वस्थ था। 29 नवंबर को सिर दर्द की शिकायत होने पर केरलापाल स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया। खून जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने पर वापस आश्रम ले गए। दो दिन ठीक रहने के बाद अचानक रविवार रात को बच्चे की तबीयत बिगड़ गई। रात करीब 9 बजे सुकमा अस्पताल में भर्ती कराया गया। सूत्रों के अनुसार बच्चे की तबीयत कुछ दिनों से खराब थी।
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आश्रम के 3 और बच्चे हुए थे बीमार
कोयाबेकूर आश्रम में अध्ययनरत तीन और बच्चे बीमार थे। पहली कक्षा का माड़वी नागेश, माड़वी अरुण और एमला नंदा सप्ताह भर से बीमार थी। लगातार छात्रों की बिगड़ती तबीयत को देखते हुए अधीक्षक ने अस्पताल में भर्ती कराया था। इधर आश्रम के छात्र की मौत के बाद 13 बच्चों ने आश्रम छोड़ दिया। मृतक छात्र केरलापेंदा गांव का था। उसी गांव से कोयाबेकूर आश्रम में 17 बच्चे पढ़ रहे हैं।
एआईएसएफ ने लगाए लापरवाही के आरोप
एआईएसएफ के प्रदेश अध्यक्ष महेश कुंजाम ने आश्रम प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लगाए थे। उन्होंने बताया कि, हाल ही में आश्रमों के निरीक्षण के दौरान कोयाबेकुर का भी दौरा किया था। यहां अध्ययनरत बच्चों ने बताया कि मृतक छात्र कई दिनों से बीमार है। इलाज में आश्रम लापरवाही बरती गई थी। आश्रम के 3 बच्चे बीमार हैं। आश्रम में अव्यवस्था का आलम है। 50 सीटर आश्रम में 47 बच्चे पढ़ रहे है। उनके सोने के लिए केवल 24 पलंग हैं।