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राजधानी रायपुर में चाणक्य स्मृति दिवस पर व्याख्यान एवं धार्मिक प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया। जहां कई वरिष्ठों की मौजूदगी में धार्मिक प्रश्नोत्तरी के व्याख्यान का आयोजन किया गया। 

अरविन्द ओझा- रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर  में चाणक्य स्मृति दिवस पर व्याख्यान एवं धार्मिक प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया। जिसमें छत्तीसगढ़ प्रमुख शंकराचार्य आश्रम के डाॅ. इन्दुभावानंद जी, हरिभूमि- आईएनएच के प्रधान संपादक डाॅ. हिमांशु द्विवेदी, पूर्व महापौर एवं सभापति प्रमोद दुबे, वैदिक विद्वान एवं लेखक अजय आर्या समेत कई वरिष्ठ उपस्थित थे। अतिथियों के द्वारा दीपप्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। 

ब्राह्मण के पास ज्ञान और अभिमान दो धन- अतिथि वक्ता

अतिथि वक्ता डॉ. सुधीर शर्मा ने कहा कि विश्व के कोने-कोने में आज भी ब्राह्मण समाज के लोग प्रगति कर रहे हैं। ब्राह्मण के पास ज्ञान और अभिमान दो ही धन है। हम धन और वैभव में भले ही पिछड़े हो किंतु हमारा स्वाभिमान कभी काम नहीं होता। 

People who attended the program
कार्यक्रम में आये हुए लोग 

ब्राह्मण का स्वरूप आचार्य चाणक्य के जीवन में दिखाई देता है- डॉ. हिमांशु द्विवेदी

हरिभूमि- आईएनएच के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, चाणक्य बनने के लिए तपस्या करना पड़ती है, त्याग करना पड़ता है। चाणक्य की नीतियों को पढ़कर आज तक कोई व्यक्ति चाणक्य नहीं बना। चाणक्य की नीति का अर्थ सकारात्मक भी है और नकारात्मक भी है। किंतु मैं समझता हूं कि, ब्राह्मण का स्वरूप कैसा होना चाहिए, यह आचार्य चाणक्य के जीवन में दिखाई देता है। जब नंद वंश के राजा उनका अपमान करते हैं तो वह उसके खिलाफ खड़े होकर के नंद वंश को समाप्त करने की चुनौती स्वीकार कर लेते हैं। चाणक्य ने आजीवन अपने लिए कुछ नहीं मांगा यह राष्ट्र की अखंडता के लिए प्रयत्न करते रहे। यह शुचिता यह त्याग ही किसी को चाणक्य बनाता है। 

आज्ञा, अन्याय और अभाव से लड़ने वाला ब्राह्मण- डॉ. अजय आर्य

डॉ. अजय आर्य ने अपने विचार रखते हुए कहा कि, संसार में तीन तरह के शत्रु हैं आज्ञा, अन्याय और अभाव, जो ज्ञान से लड़ता है वह ब्राह्मण है। जो अन्याय से लड़ता है, वह क्षत्रिय और जो अभाव को समाप्त करने का संकल्प लेता है वह वैश्य बनता है। आज हमें चिंतन करना होगा कि हम में से कितने लोग अपने कर्म और कर्तव्य का सही ढंग से पालन कर रहे हैं। 

ब्राह्मणों के गर्व और प्रतिष्ठा को स्थापित करने का लें संकल्प- आचार्य डॉ. इंदु भावानंद

कार्यक्रम के अध्यक्ष आचार्य डॉ. इंदु भावानंद ने कहा कि शरीर में जो स्थान मस्तिष्क का है, वही समाज में ब्राह्मणों का है। आज आचार्य चाणक्य को स्मरण करते हुए हम सभी को ब्राह्मणों के गर्व और प्रतिष्ठा को स्थापित करने का संकल्प लेना चाहिए। ब्राह्मण अपनी ज्ञान कर्म तब तपस्या के कारण श्रेष्ठ है। 

ब्राह्मणों को करना होगा लंबा संघर्ष- प्रमोद दुबे 

प्रमोद दुबे ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन ने कहा कि, मैं यहां वक्ता बनकर के नहीं श्रोता बनकर आया हूं। ब्राह्मणों को अपनी खोई प्रतिष्ठा को प्राप्त करने के लिए लंबा संघर्ष और साधना करनी पड़ेगी। 

विजेताओं को सम्मान पत्र देकर किया गया सम्मानित 

कार्यक्रम के संचालक अजय अवस्थी ने आचार्य चाणक्य के जीवन पर प्रकाश डाला। तत्पश्चात प्रदेश अध्यक्ष अरविन्द ओझा ने अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए संगठन द्वारा वर्ष भर आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों के विषय में बताया। संगठन के पदाधिकारियों ने अतिथियों को साल, स्मृति चिन्ह एवं पुष्पगुच्छ देकर सम्मान किया। वहीं धार्मिक प्रश्नोत्तरी के विजेताओं को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।

ये वरिष्ठ लोग रहे उपस्थित 
 
मंच संचालन महासचिव अजय अवस्थी व महिला अध्यक्ष नमिता शर्मा ने मंच संचालन किया एवं आभार प्रदर्शन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गुणानिधि मिश्रा ने किया। कार्यक्रम में विशेष रूप से राष्ट्रीय महासचिव सुरेश मिश्रा, महासचिव सुनील ओझा, संभागीय अध्यक्ष नितिन कुमार झा, बबीता मिश्रा, सुरभि शर्मा, विद्या भट्ट, प्रीति मिश्रा, सुनीता शर्मा, सुलभा पाण्डेय, वीणा ठाकुर, वसुधा राकेश तिवारी, अभिलाषा रमाकांत दुबे, रजनी भानु प्रकाश पाण्डेय, मृणालिका राजेन्द्र ओझा, राघवेंद्र पाठक, सतीश शर्मा, उमेश शर्मा, कल्पना मिश्रा, अर्चना तिवारी, राधा तिवारी, सुमन पाण्डेय, गीतिका झा, पल्लवी नरहरि होता, पूर्व सरयूपारिण अध्यक्ष दशरथ शुक्ला, पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण सतीश शर्मा, अध्यक्ष विप्र वाहिनी दिनेश शुक्ल, राजू महराज, कान्यकुब्ज सभा से नीता अवस्थी, प्रीति मिश्रा, अखण्ड ब्राह्मण से ईश्वर शर्मा, आल इंडिया ब्राह्मण से आभा शर्मा, गणेश दत्त झा, संजय शर्मा, डाॅ महेन्द्र ठाकुर, सुयश शुक्ला आदि उपस्थित थे। प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम हिन्दू धर्मग्रंथों से सम्बंधित प्रश्न पूछे गये। इस प्रश्नोतरी कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दर्शक और प्रतिभागी सम्मिलित होकर धर्म ज्ञान यज्ञ में आहुति दी। 
 

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