रायपुर। छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय बुधवार को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी के शुभारंभ में पहुंचे। जहां उन्होंने कहा कि, विकसित भारत बनाने में किसानों का महत्वपूर्ण योगदान है। खेती-किसानी को आधुनिक बनाने के साथ ही किसानों की आमदनी बढ़ाना छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने किसानों से धान की खेती के साथ-साथ आमदनी बढ़ाने के लिए मत्स्य पालन, पशुपालन एवं उद्यानिकी फसलों के उत्पादन से जुड़ने का आह्वान किया।
सीएम साय बोले- किसानों के खाते में 49 हजार करोड़ रुपए भेजे
सीएम श्री साय ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार बनते ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिन पर हमने 13 लाख किसानों को धान के बकाये बोनस की राशि 3716 करोड़ रुपए अंतरित कर दी। हमने अपने वादे के अनुरूप 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान का मूल्य दिया और 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान की खरीदी की। पिछले साल 145 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी और राज्य सरकार द्वारा घोषित उपार्जन मूल्य तथा दो साल का बकाया बोनस के माध्यम से किसानों के खाते में लगभग 49 हजार करोड़ रुपए अंतरित किये हैं। उन्होंने आगे कहा कि, चालू खरीफ मौसम में अच्छी फसल को देखते हुए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए राज्य में बेहतर से बेहतर व्यवस्था की जाएगी। इस वर्ष 14 नवम्बर से धान खरीदी का काम शुरू होगा। इस साल भी रिकार्ड धान खरीदी का अनुमान है।
आधुनिक खेती को दिया जा रहा बढ़ावा
उन्होंने आगे कहा कि, खेती-किसानी में युवाओं को जोड़कर इसे आधुनिक खेती की ओर आगे बढ़ाने के लिए आज कृषि मेले एवं उन्नत कृषि उपकरणों की प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। कृषि क्षेत्र में नवीन तकनीकों के विकास एवं इसे किसानों तक पहुंचाने की दिशा में भी इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान है। एग्रीकल्चर की पढ़ाई की सुविधा अधिकाधिक युवकों को मिले और प्रदेश की खेती और संवर सकें, इसके लिए हम लगातार काम कर रहे हैं।
कृषि मंत्री बोले- उत्पादन के साथ फसल चक्र में हो रहा परिवर्तन
कृषि मंत्री रामविचार नेताम बताया कि, कृषि में स्वरोजगार के लिए उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ फसल चक्र परिवर्तन, कृषि उत्पाद की पैकेजिंग एवं मार्केटिंग के लिए विशेष प्रयास की आवश्यकता है।
सांसद अग्रवाल बोले- कृषि क्षेत्र में हो रही निरंतर उन्नति
रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि, हमारे मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री जी स्वयं कृषक हैं इसलिए छत्तीसगढ़ में कृषि के क्षेत्र में निरंतर उन्नति हो रही है। छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं के कारण वर्तमान में धान की खेती फायदे का सौदा है और फसल चक्र अपनाकर उद्यानिकी फसलों को शामिल कर कृषकों को आय बढ़ाने का सुझाव दिया।
ग्रेजुएशन के छात्रों को दिया गया ऑफर लेटर
उद्घाटन कार्यक्रम में 6 किसानों को मसूर की नई किस्म के मिनी किट प्रदान किये गये। एग्री कार्नीवाल में जॉब फेयर से चयनित 6 कृषि स्नातक विद्यार्थियों को भी विभिन्न कम्पनियों द्वारा आफर लेटर प्रदान किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कॉफी टेबलबुक ‘‘अग्रसर’’ सहित अन्य कृषक उपयोगी प्रकाशनों का अतिथियों द्वारा विमोचन भी किया गया। कृषि स्टार्टअप के युवा उद्यमियों को अनुदान राशि का चेक भी प्रदान किया गया। एग्री कार्नीवाल में प्रदेश के विभिन्न जिलों से लगभग 4 हजार किसान भाई-बहनों एवं लगभग 1 हजार विद्यार्थियों ने प्रक्षेत्र भ्रमण एवं प्रदर्शनी द्वारा कृषि तकनीकों की जानकारी प्राप्त की।
इसे भी पढ़ें : सूरजपुर में बवाल पर लगाम : झगड़े की जड़ को ही एसडीएम ने कटवा डाला, धान पंचायत में जमा
आईजीयू के कुलपति ने किया शुभारंभ
आधुनिक पादप प्रजनन तकनीक एवं डाटा एनालिसिस’’ पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल द्वारा किया गया। इस कार्यशाला में विशिष्ट अतिथि के रूप में ईस्ट अफ्रीका अंतर्राष्ट्रीय राइस ब्रीडिंग प्रोगाम के कार्यक्रम प्रमुख डॉ. एस.के. कटियार, उपस्थित हैं। इसमें छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्यों के 211 वैज्ञानिकों एवं अनुसंधान कर्ताओं को मॉर्डन राइस ब्रीडिंग, स्पीड ब्रीडिंग, डेटा एनालिसिस पर जीवन्त प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, जिससे भविष्य की आवश्यकतानुसार नयी फसलों, किस्मों का विकास संभव हो सकेगा।
इन्होने लिया कार्यशाला में भाग
इस कार्यशाला में इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट, मनीला, फिलीपींस, घाना, ईस्ट अफ्रीका के अन्तर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा नवीन तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एग्री कार्नीवाल-2024 ‘‘राष्ट्रीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी’’ में ‘‘छत्तीसगढ़ से कृषि उत्पादों के निर्यात’’ पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 400 उन्नतशील किसानों, युवा उद्यमियों, अनुसंधानकर्ताओं एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया।