रायपुर। छत्तीसगढ़ के प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत बीएड. प्रशिक्षित शिक्षक, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के चलते सेवा सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। सभी शिक्षक 97 दिनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन मांग पूरी ना होने से हताश और निराश होकर शिक्षकों ने सीएम और समस्त मंत्रिमंडल को अपने खून से निवेदन पत्र लिखा। हजारों शिक्षकों ने एक साथ धरना स्थल पर अपने अधिकारों, सेवा सुरक्षा और समायोजन की मांग को लेकर सरकार से अंतिम अपील की। शिक्षकों ने स्पष्ट किया कि, वे केवल न्याय की मांग कर रहे हैं और सरकार के पास संवैधानिक रूप से इन्हें समायोजित करने का पूरा अधिकार है। 

सहायक शिक्षक ने सीएम से की समायोजन की मांग 

बर्खास्त सहायक शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से विनती करते हुए अपने ख़ून से पत्र में लिखा कि महोदय, विगत तीन महीनों से हम सेवा-सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं।सभी जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारियों को ज्ञापन सौंप चुके हैं। लेकिन अब तक हमारी समस्या का निराकरण नहीं किया गया है। शायद हमारी स्याही, हमारे आंसू हमारी पीड़ा को व्यक्त कर पाने में समर्थ नहीं है। इसलिए हम सभी अपने ख़ून से पत्र लिखकर आप तक अपनी व्यथा पहुंचाने का प्रयत्न कर रहे हैं। 

समायोजन की प्रक्रिया जल्द प्रारंभ की मांग 

बर्ख़ास्त शिक्षकों का कहना है कि यदि सरकार जल्द कोई ठोस निर्णय नहीं लेती है, तो शिक्षक अपने आंदोलन को और अधिक उग्र रूप देने के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि शिक्षकों के भविष्य को बचाने के लिए त्वरित निर्णय लिया जाए और समायोजन की प्रक्रिया जल्द प्रारंभ की जाए। हमारा संघर्ष न्याय के लिए है, और जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।