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देशभर में आस्था और विश्वास की कई अनूठी मिसालें मिलती हैं। भगवान पर अटूट श्रद्धा अगर हो तो मनोकामना पूर्ण भी हो जाती है।

राजनांदगांव। देशभर में आस्था और विश्वास की कई अनूठी मिसालें मिलती हैं। भगवान पर अटूट श्रद्धा अगर हो तो मनोकामना पूर्ण भी हो जाती है। अपनी मन्नतों को पूरी करने के लिए भक्त भगवान को हर तरह से रिझाने की कोशिश करते हैं। राजनांदगांव के गणेश मंदिर में श्रद्धालु भगवान गणेश से सीधे पत्र के जरिए अपनी मनोकामना करते हैं और भगवान गणेश भी उनकी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।

यह सिलसिला कई दशकों से चला रहा है। राजनांदगांव शहर के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर मिथिला धाम गणेश मंदिर में कई वर्षों से भक्तों का पत्र व्यवहार सीधे भगवान श्रीगणेश से जारी है। यहां भक्त अपनी मनोकामनाओं को कागज में लिखकर एक लाल कपड़े में नारियल के साथ लपेटकर भगवान गणेश के चरणों में रख देते हैं। भक्तों का मानना है कि इस गणेश मंदिर में भगवान से मन्नत मांगने के लिए एक कागज में लिखकर अर्जी दी जाए तो वह जरूर पूरी होती है। 

पत्र के माध्यम से भगवान से सीधा संवाद

भगवान गणेश मंदिर में श्रद्धालु प्रथम पूज्य भगवान गणेश को पत्र के जरिए सीधे संवाद करते है। श्रद्धालु अपनी इच्छाओं को भगवान के सामने पत्र पर आस्था की स्याही से उतारते हैं और उन्हें इसकी पूर्ति के लिए सौंप देते हैं। श्रद्धालु अपने पत्र में नौकरी, परिवारिक शांति, शादी, सतान और परीक्षा में सफलता के परिणाम आदि देने के लिए भगवान विद्यन्नहर्ता को पत्र लिख रहे है।

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मनोकामना पूरी होने पर पत्रों का विसर्जन

मंदिर के पुजारी पंडित हरि शरण का कहना है भक्त यहां आकर नारियल में बंधा पत्र चढ़ा जाते हैं और मनोकामना पूरी होने के बाद स्वयं आकर बताते हैं। तब नारियल में बंधी पर्ची को विसर्जित कर दिया है।

माह की चतुर्थी पर अर्जी 

मिथिला धाम गणेश मंदिर में प्रत्येक बुधवार और माह के प्रत्येक चतुर्थी को भक्त यहां आकर भगवान को पत्र के माध्यम से अपनी मनोकामना की अर्जी देते हैं। 

लगभग 27 वर्षों से चली आ रही परंपरा

पत्र के जरिए यहां भगवान गणेश से मिन्नत करने की परम्परा पिछले लगभग 27 वर्षों से जारी है। जैसे-जैसे लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती जा रही है। वैसे ही यहां पर चिट्ठी रखने वाले भक्तो की संख्या बढ़ती जा रही है। 

 

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