रायपुर। छत्तीसगढ़ के राजनांदगाव जिले के मेडिकल कॉलेज के 20 डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। बुधवार को इस मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि, कोई भी डॉक्टर जो NPA (नान प्रैक्टिस अलाउंस) लेते हैं, वो निजी प्रैक्टिस नहीं कर सकते हैं। ऐसे डॉक्टर जो NPA नहीं लेते अपनी ड्यूटी के बाद निजी प्रैक्टिस कर सकते हैं। 

उन्होंने आगे कहा कि, यह सरकार की गाइडलाइन है और यह पुराना अधिनियम है। इस बात को लेकर संविदा डॉक्टर इस्तीफा दे रहे हैं, इस्तीफा देने वालों से बातचीत जारी है। हमारे पास डॉक्टरों की कमी है, ऐसी स्थिति में डॉक्टर इस्तीफा देंगे तो संकट पैदा होगा। हमारी बातचीत चल रही है और हम बीच का रास्ता निकालेंगे। 

यह है पूरा मामला 

उल्लेखनीय है कि, राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में 20 डॉक्टर ने सामूहिक इस्तीफा डीन को सौंप दिया है। पत्र में उन्होंने कहा कि, राज्य सरकार द्वारा निजी अस्पतालों में प्रैक्टिस को लेकर जो कड़ाई बरती गई है, उसे यदि जल्द ही वापस नहीं लिया गया तो वह सामूहिक इस्तीफा के लिए बाध्य होंगे। एक साथ इतनी बड़ी संख्या में डॉक्टर के इस्तीफा की बात को लेकर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।

स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई 

शासकीय संस्थानों में सरकारी डॉक्टर्स द्वारा इस्तीफा का सिलसिला लगातार जारी है। राज्य सरकार द्वारा प्राइवेट प्रैक्टिस को लेकर जारी किए गए आदेश के बाद तीन डॉक्टर जिले भर में इस्तीफा दे चुके हैं। वही आज 20 डॉक्टर ने एक साथ सामूहिक इस्तीफा देने के लिए पत्र मेडिकल कॉलेज के दिन को सौंपा है। इसके बाद से हड़कंप की स्थिति बन गई है। यदि डॉक्टर द्वारा सामूहिक इस्तीफा दे दिया जाता है तो जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाएगी। वहीं मेडिकल कॉलेज की मान्यता भी खतरे में पड़ जाएगी। इसके बाद यहां के छात्र-छात्राओं का करियर भी प्रभावित हो सकता है। 

आदेश वापस लेने की मांग 

राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज के 300 किलोमीटर के दायरे में मरीज के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था की जिम्मेदारी है। ऐसे में डॉक्टर के सामूहिक इस्तीफा की खबर मरीज के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स ने पत्र में कहा है कि, यदि राज्य शासन द्वारा कड़ाई का आदेश वापस नहीं लिया जाएगा तो, वे सामूहिक इस्तीफा देने के लिए बाध्य होंगे।

शासन के दिशा- निर्देश के अनुसार करेंगे काम- पीआरओ 

इस संबंध में मेडिकल कॉलेज के पीआरओ डॉक्टर पवन जेठानी ने कहा कि, 20 लोगों ने एक साथ सामूहिक इस्तीफा दिया है। यह इस्तीफा डीन को दिया गया है, लेकिन डीन इसे स्वीकार करने के लिए अधिकृत नहीं है। इसे ऊपर भेजा जाएगा और शासन से जो भी दिशा निर्देश दिए जाएंगे, उसके आधार पर कार्य किया जाएगा। इस इस्तीफे का मुख्य कारण निजी जगहों पर प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं दी जा रही है, उसके कारण ही यह नाराजगी देखी जा रही है। एक साथ इतनी बड़ी संख्या में इस्तीफा देने से मेडिकल कॉलेज की शैक्षणिक मान्यता पर भी प्रभाव पड़ेगा। 

डॉक्टरों की मांगों को किया जाएगा पूरा- विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह 

इस मामले को लेकर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि, सीएमएचओ और कलेक्टर सहित सभी उच्च अधिकारियों से बातचीत की गई है। अभी डॉक्टर ने इस्तीफा देने की मंशा जाहिर की है इस मामले में उनसे बातचीत की जा रही है। उनकी जो छोटी-मोटी मांगे हैं जो तत्काल यहां पूरी हो सकती है उन्हें पूरा किया जाएगा।