रायपुर। छत्तीसगढ़ और ओडिशा राज्य के बस ऑपरेटरों के बीच विवाद अब सुलझ गया है। दोनों राज्य के बस ऑपरेटर यूनियनों के बीच शनिवार को राजधानी रायपुर में बैठक हुई। इस बैठक में छत्तीसगढ़ और ओडिशा राज्य के बस ऑपरेटर यूनियन संघों के पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक के दौरान दोनों राज्य के बस यूनियन के बीच समझौता हुआ कि दोनों राज्य अब एक-दूसरे की यात्री बसों को राज्य में प्रवेश करने से लेकर संचालन में किसी प्रकार का रोक-टोक नहीं करेंगे तथा बस ऑपरेटरों का सहयोग करेंगे। 

इधर बैठक के बाद छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के अध्यक्ष अनवर अली का कहना कहा कि बैठक में समझौता हुआ है, लेकिन अगर इसके बाद भी ओडिशा में प्रदेश की बसों का संचालन नहीं करने दिया जाता, तो ऐसी परिस्थिति का सामना करने तथा दूसरे किसी भी राज्य में बसों का संचालन करने में सक्षम हैं। 

ओडिशा की बसों में भी लोकल सवारी बैठाते हैं बस ऑपरेटर

इस विवाद पर छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के पदाधिकारियों का कहना है कि जिसे लेकर ओडिशा बस यूनियन ने विवाद खड़ा किया है, वह सरासर गलत है। उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ में ओडिशा से आने वाली बसों में लोकल सवारियों को बैठाया जाता है, इसलिए यह कोई विवाद का कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि अंतर्राज्यीय परमिट दूसरे राज्य में बस का संचालन के लिए ही लिया जाता है। रहा लोकल सवारियों के बैठाने का तो अगर दोनों राज्य के बीच समझौता होता है कि लोकल सवारी बैठाना नहीं है, तो दोनों राज्य के बीच इसके लिए समझौता होना चाहिए। बैठक में ये रहे उपस्थित इस बैठक में छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के पदाधिकारियों में अनवर अली,प्रमोद दुबे, प्रकाश देशलहरा, अमरजीत सिंह चहल के अलावा ओड़िशा राज्य के बरगढ़, संबलपुर, राजा खरियार रोड सहित अन्य शहरों से आए बस ऑपरेटर यूनियन के प्रतिनिधियों में भवानी शर्मा, इदरिश भाई, बालाजी पानिग्रही, संतोष दलबेहरा, सुशांत तांडी, अक्षय नंदा, सत्या तांडी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

नए परमिट बसों के संचालन व लोकल सवारी बैठाने के नाम पर उपजा विवाद

छत्तीसगढ़ से ओडिशा सहित दूसरे कई राज्यों में यात्री बसें जाती हैं। दूसरे राज्य में बसों के संचालन के लिए अंतर्राज्यीय परमिट लिया जाता है। राज्य से ओडिशा के लिए वर्तमान में करीब 100 यात्री बसों का संचालन किया जा रहा है। इन बसों के अलावा कुछ नई बसों का भी ओडिशा राज्य में संचालन के लिए अंतर्राज्यीय परमिट लिया गया है। ओड़िशा जाने वाली बसों की संख्या बढ़ने के कारण उस राज्य के बस ऑपरेटर यूनियन संघ इसे लेकर आपत्ति कर रहे हैं। यही नहीं, ओडिशा बस यूनियन ने छत्तीसगढ़ से जाने वाली बसों में ओडिशा राज्य में लोकल सवारी बैठाने पर भी आपत्ति जताई है। ओडिशा यूनियन ने इसे लेकर ही विवाद खड़ा कर छत्तीसगढ़ से जाने वाली बसों को अपने राज्य में 11 जून से प्रवेश पर रोक लगाने पर अड़े हुए थे।