जितेंद्र सोनी-जशपुर। नक्सली मुठभेड़ में शहीद जवान नितेश एक्का का पार्थिव शरीर उनके गांव चराई डांड ले जाया गया। उनके पार्थिव शरीर को लेने पूरा गांव आगडीह एयरपोर्ट पहुंचा। शहीद जवान का जुलूस निकाल कर जशपुर में घुमाया जा रहा है। पूरा प्रशासनिक और पुलिस अमला इस जुलूस में शामिल है। लोग जवान की शहादत को नमन करने पहुंचे हैं। 

शहीद जवान नितेश एक्का के भाई ने बताया कि, नितेश को नक्सलियों से लोहा लेने का बड़ा शौक था। वह हमेशा से चाहते थे कि वे एंटी नक्सल ऑपरेशन का हिस्सा बनें। लेकिन 2020 में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) में शामिल होने के बाद भी उन्हें कभी मुठभेड़ में शामिल होने का मौका नहीं मिला था। 

जाने का दुख है लेकिन बलिदान पर फख्र भी है – बड़े भाई 

उनके भाई ने बताया कि, यह नितेश के लिए नक्सलियों से लड़ने का पहला मौका था। इस ऑपरेशन में नक्सलियों से लड़ते हुए शहीद हो गए। उनके जाने का दुख तो है लेकिन इस बात का फख्र भी है कि वे देश के लिए बलिदान हुए हैं। 

शहादत को नमन करने पहुंचे भाजपाई 

शहीद नितेश के अंतिम दर्शन के लिए परिजन और गांव वालों सहित विधायक रायमुनी भगत, पूर्व राज्यसभा सांसद रणविजय सिंह और अन्य नेता भी पहुंचे हैं। 

कुछ दिन पहले ही छुट्टियों पर आए थे गांव 

बताया जा रहा है कि, नितेश कुछ दिन पहले ही छुट्टियों में अपने गांव आए थे। छुट्टी के बाद उन्होंने वापस ड्यूटी ज्वाइन किया था। उनके परिवार में उनकी मां नीलिमा और बड़ा भाई अशोक हैं। उनके पिता हेलारियुस एक्का की कुछ साल पहले ही बिमारी के चलते मौत हो गई थी। उनकी मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं।