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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के मालवीय रोड स्थित श्री आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में शुक्रवार को विशेष धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के मालवीय रोड स्थित श्री आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में शुक्रवार को विशेष धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के मालवीय रोड स्थित श्री आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में शुक्रवार को विशेष धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन जिनालय में पार्श्वनाथ बेदी के समक्ष आध्यात्मिक प्रयोगशाला के माध्यम शुक्रवार को ज्येष्ठ कृष्ण अष्टमी/नवमी, निर्माण संवत 2550 को रखा गया। 

Lord Pushpadanta
भगवान पुष्पदंत

जिनालय के पूर्व उपाध्यक्ष श्रेयश जैन बालू ने बताया कि, हर दिन की तरह शुक्रवार को सुबह 8.30 बजे श्रावक गण सामुहिक रूप से इकट्ठा होकर जिनालय की पार्श्वनाथ बेदी में भगवान पुष्पदंत को पांडुक शिला में विराजमान किया। मंगलाष्टक पाठ प्रारंभ कर 4 रजत कलशों में शुद्ध प्रासुक जल भरकर श्री जी का समता भाव पूर्वक अभिषेक किया। आज रिद्धि सिद्धि सुख शांति प्रदाता शांतिधारा भी की गई जिसे करने का सौभाग्य पलक जैन(बाबूलाल टाकीज) को प्राप्त हुआ। आज की शांति धारा का शुद्ध उच्चारण लोकेश जैन ने किया। शांतिधारा पश्चात सभी ने श्री जी की आरती की। अष्ट द्रव्य से सामुहिक पूजा में सबसे पहले नवदेवता पूजन और भगवान पुष्पदंत भगवान की पूजा कर अष्ट द्रव्य से निर्मित अर्घ्य समर्पित किया अंत में विसर्जन पाठ पढ़ कर पूजन विसर्जन किया गया। 

अष्टमी को अष्ट कर्म के नाश का प्रतीक माना जाता है- प्रमाण सागर महाराज

श्रेयश जैन बालू ने बताया कि, प.पु. प्रमाण सागर जी महाराज ने अष्टमी चतुर्दशी की महत्ता को लेकर शंका समाधान कार्यक्रम में बताया है कि, अष्टमी को अष्ट कर्म के नाश का प्रतीक माना जाता है और चतुर्दशी को चौदह गुणस्थानों से पार उतरने का माध्यम भी माना जाता है। एक शोध लेख के अनुसार जैसे इस धरती पर दो तिहाई जल भाग और एक तिहाई स्थल भाग है वैसे ही हमारे शरीर के भीतर भी दो-तिहाई ठोस तत्व और एक-तिहाई जल तत्व है। मेडिकल से जुड़े लोग इस बात को अच्छी तरीके से समझते होंगे। जिस प्रकार चंद्रमा की कलाओं से समुद्र का जल स्तर घटता बढ़ता है वैसे ही चंद्रमा की कलाओं से हमारा मन प्रभावित होता है और हमारे शरीर के अंदर रहने वाले जल तत्व में हीन अधिकता होती है। उसमें एक डायग्राम बनाया हुआ था अष्टमी, चतुर्दशी, पंचमी, एकादश और प्रन्दहस। इन तिथीओं में हमारे शरीर के जल तत्व पर उफान आता है।

ये रहे मौजूद 

आज के इस कार्यक्रम में विशेष रूप से ट्रस्टी संजय जैन प्रेमी परिवार सतना, श्रेयश जैन बालू, पूर्व अध्यक्ष संजय नायक जैन, महेंद्र जैन, प्रवीण जैन (जैनम ज्वलर्स) राशु जैन समता कॉलोनी, प्रणीत जैन, पलक जैन, कुमुद जैन, जितेंद्र जैन, उपाध्यक्ष लोकेश जैन आदि मौजूद थे।

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