बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में पाँच दिवसीय स्पोकन इंग्लिश कार्यशाला का आयोजन किया गया है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डाइट के द्वारा आयोजित कार्यशाला का उद्देश्य बच्चो के इंग्लिश स्किल को बढ़ावा देना है.कार्यक्रम में पहुंचे टीचर्स ने इंग्लिश स्पोकन के कई टिप्स स्टूडेंट्स को बताया। पहले दिन द ट्वीन्स, गेसींग गेम, नॉन स्टॉप टॉकिंग एवं ब्लेडेंड क्रियेचर एक्टिविटीज की गई। 

टीचर्स ने दिए इंग्लिश सीखने के टिप्स 

पांच दिवसीय चलने वाले इस स्पोकन इंग्लिश वर्कशॉप में पहुंचे टीचर्स ने स्पोकन इंग्लिश सीखने के सरल तरीके स्टूडेंट्स को बताया। व्यख्याता थलज कुमार साहू ने बताया कि वर्तमान दौर कॉम्पीटिशन का है, ऐसे में अगर हम इंग्लिश नहीं जानेंगे या समझेंगे तो, हम खुद को दौड़ में बहुत पीछे महसूस करेंगे। आगे उन्होंने कहा कि, इंग्लिश बोलना अब बहुत सरल हो गया है। प्रैक्टिस करके बड़ी आसानी से बोलना सीख सकते हैं। अंग्रेजी में बोलना शुरू कीजिए, भले ही उसमें गलतियां हो, बाद में सुधार कर आप इंग्लिश के अच्छे टीचर बन सकते हैं। उन्होंने इस अवसर पर शिक्षकों में जोश व ऊर्जा भरते हुए कहा कि शिक्षक कार्य करने वाला अर्थात कर्ता होता है। शिक्षक अगर दृढ संकल्पित हो जाए तो उसके लिए कोई कार्य असंभव नहीं।

टीचर्स ने बताए गोल्डन टिप्स

छत्तीसगढ़ी, हिन्दी के साथ इंग्लिश सीखना जरुरी 

स्पोकन इंग्लिश प्रशिक्षण की प्रभारी श्रद्धा तिवारी ने कहा कि छत्तीसगढ़ी, हिन्दी के साथ हमें अंग्रेजी की बारीकियों को सीखना भी अनिवार्य है। तभी हम विद्यालय में इंग्लिश को बच्चों तक सरलता से एक्टिविटीज के माध्यम से पहुँचा सकते हैं। बच्चों को हमेशा नया सीखने के लिए प्रेरित करते रहना चाहिए। 

 बिना संकोच के बोलें इंग्लिश 

मास्टर ट्रेनर्स अशोक कुमार साहू ने कहा कि, हमें अन्य भाषाओं की तरह अंग्रेजी को भी बिना संकोच एवं डर के बोलना चाहिए। इसके अलावा अजीम प्रेमजी फाउन्डेशन की मास्टर ट्रेनर्स श्रेया दुबे ने स्पोकन इंग्लिश के लिए महत्वपूर्ण गोल्डन टिप्स देते हुए कहा कि, अंग्रेजी भाषा को हमें दैनिक बोलचाल की भाषा में भी उपयोग करना चाहिए।  

रोज प्रैक्टिस करने से इंग्लिश सीखना आसान 

डाइट व्याख्याता राजकुमार वर्मा ने कहा कि अंग्रेजी को हवा न समझे। इस कार्यशाला में हमें बताया जायेगा कि अंग्रेजी हमारे लिए किस तरह आसान है, और दैनिक बोलचाल में हम बहुत से अंग्रेजी भाषा के शब्दों को और वाक्यों को हम बोल सकते है। साथ ही अपने बच्चों को सीखा सकते है। इसके अलावा डीआरजी विश्वनाथ शर्मा ने कहा कि हमें निरंतर कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए। साथ ही साथ बच्चों को नया सीखने के लिए हमेशा प्रेरित करते रहना चाहिए।कार्यशाला में  स्पोकन इंग्लिश से सम्बंधित कई एक्टिविटीज कराए गए। 

ये भी रहे मौजूद

इस अवसर पर डाइट के वरिष्ठ व्याख्याता जी एल खुटियारे, डॉ बसुबंधु दीवान, यमुना जांगड़े, कीर्ति घृतलहरे, अमिंदर भारती, नागेंद्र शर्मा, कमलेश शर्मा, सत्येंद्र मिश्रा, सरस्वती साहू, पूनम पाण्डेय, प्रशिक्षण की प्रभारी श्रद्धा तिवारी सहित शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित थे।