गरियाबंद। शहर में तेंदुए की दस्तक ने जैसे एक सनसनी फैला दी है। शहर के भीतर तेंदुए का आना और उसकी गतिविधियां, जिसने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। दूसरे दिन भी वन विभाग ने हालात पर काबू पाने के लिए पूरी कोशिशें शुरू कर दी हैं। अधिकारियों का दल लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन तेंदुए का पता लगाना अब तक टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। शुक्रवार को गरियाबंद वनमण्डल के डीएफओ लक्ष्मण सिंह और उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व के उप निदेशक वरुण जैन और वन विभाग का अमले ने तेंदुए को ट्रैक करने का बीड़ा उठाया। वे चितवा डोंगरी के पहाड़ी इलाके में चढ़ गए, जहां माना जा रहा है कि तेंदुए ने अपना ठिकाना बना लिया है।
हालांकि, तमाम कोशिशों के बावजूद न तेंदुए की झलक मिली, न ही उसकी कोई ताजा गतिविधियां। वन विभाग के दिशा-निर्देश पर इलाके में ट्रैक कैमरे लगाए गए हैं, ताकि किसी भी तरह से तेंदुए की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। दो दिनों से जारी खोज में तेंदुए का कोई नया सुराग नहीं मिला है, लेकिन सावधानी के तौर पर वन विभाग ने शहर में लगातार मुनादी करवानी शुरू कर दी है। इसके अलावा, तेंदुए के संभावित प्रभाव वाले क्षेत्रों में पोस्टर भी लगाए जा रहे हैं, ताकि लोग जागरूक रहें और किसी तरह की अनहोनी से बच सकें।
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रात के समय अकेले बाहर न निकले
गौरतलब है कि बीते दिन तेंदुए को नगर पालिका के वार्ड नंबर 1 में देखा गया था। सीसीटीवी कैमरों में कैद उसकी फुटेज ने शहरवासियों में खौफ पैदा कर दिया है। सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि तेंदुए ने इलाके में घूमते हुए आवारा कुत्तों का शिकार भी किया। इस घटना के बाद वन विभाग की टीम ने तेंदुए की मौजूदगी की पुष्टि की और शहरवासियों से अपील की कि वे विशेष रूप से सतर्क रहें। वन विभाग ने लोगों को चेतावनी दी है कि रात के समय बच्चों और बुजुर्गों को अकेले बाहर न निकलने दें। इस बार तेंदुए की मौजूदगी ने गरियाबंद मुख्यालय में सुरक्षा की एक नयी चुनौती खड़ी कर दी है, और वन विभाग की टीम इसे काबू में करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।