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नक्सलियों की राजधानी अबूझमाड़ के कुतुल में तिरंगा फहराने के बाद अब जवान जिला मुख्यालय वापस लौट रहे हैं।

नारायणपुर। नक्सलियों की राजधानी अबूझमाड़ के कुतुल में तिरंगा फहराने के बाद अब जवान जिला मुख्यालय वापस लौट रहे हैं। छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर जवानों ने नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा खोला था। आजादी के बाद पहली बार फोर्स अबूझमाड़ के अंतिम छोर तक पहुंची और नक्सलियों का सामना किया। शनिवार को हुए मुठभेड़ में 8 नक्सलियों को ढेर करने के बाद आज जवान पिकअप वाहनों से वापस लौट रहे हैं। 

बता दें कि, जवान जिस इलाके में नक्सलियों से लोहा लेने पहुंचे थे वह इलाका कुछ साल पहले तक बीहड़ जंगल हुआ करता था। अबूझमाड़ के इस इलाके को नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। यहां तक पहुंचने के लिए कोई रास्ता भी नहीं था। लेकिन पिछले कुछ महीनों से हो रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन ने आम लोगों के लिए भी इस इलाके तक पहुंचना आसान कर दिया है। आज अबूझमाड़ की तस्वीर बदल गई है। जवानों के संघर्ष ने यहां पर कच्ची सड़क का निर्माण कर लिया है। अब फोर्स नक्सलियों के कोर इलाकों में घुसकर उन्हें मुंहतोड़ जवाब दे रही है। 

मुठभेड़ की इनसाइड स्टोरी

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के कुतुल इलाके को नक्सलियों की राजधानी माना जाता है। ऐसा इसलिए कि, यह इलाका घने जंगलों और पहाड़ों से घिरा हुआ है। यहां पर वे आसानी से छुप पाते हैं और अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने की कोशिश करते हैं। घने जंगल के साये में रहकर ही नक्सलियों ने कई दिल दहला देने वाले वारदातों को अंजाम दिया है। लेकिन अब फोर्स भी इस इलाके में एंट्री ले चुकी है। 

ऑपरेशन में शामिल थे 400 जवान

यही कारण है कि, पिछले कुछ दिनों से जवानों ने इस इलाके को घेर लिया था। दरअसल, चार जिलों की पुलिस ने इस इलाके में एंटी नक्सल ऑपरेशन लॉन्च किया था। जगदलपुर, दंतेवाड़ा,कोंडागांव और कांकेर जिले से डीआरजी, आईटीबीपी और एसटीएफ के करीब 400 जवान इस ऑपरेशन में शामिल थे। सुरक्षाबलों को अबूझमाड़ के कुतुल, फरसबेड़ा, कोड़तामेटा क्षेत्र में पीएलजीए नं. 1 और माड़ डीवीजन के नक्सलियों के मौजूद होने की पुख्ता जानकारी मिली थी। इसके बाद जवानों ने इस लोकेशन को ट्रेस किया और बड़ी ही सावधानी के साथ एंट्री ली। पहले तो उन्होंने इस इलाके को चारों तरफ से घेर लिया। इसके बाद वे धीरे-धीरे नक्सलियों के कोर इलाके में पहुंचे और नक्सलियों पर हमला कर दिया। 

जवानों को खुद पर भारी पड़ता देख भागे नक्सली 

नक्सलियों ने भी जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी। काफी देर तक दोनों तरफ से गोलीबारी हुई। इस दौरान जवानों ने कई नक्सलियों को मार गिराया तो वहीं एसटीएफ के तीन जवानों को भी गोली लग गई। कुछ जवानों ने घायल जवानों को वहां से बाहर निकालने का काम किया। जबकि साथी जवान मोर्चे पर आगे बढ़े। काफी देर तक घने जंगलों में जवान और नक्सलियों के बीच जिंदगी और मौत का खेल चलता रहा। कई घंटों की गोलीबारी के बाद जवानों को खुद पर भारी पड़ता देख नक्सली भाग गए। 

8 नक्सलियों के शव सहित हथियार बरामद 

इसके बाद जवानों ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। सर्चिंग के दौरान उन्होंने मारे गए 8 नक्सलियों का शव बरामद किए। इसके अलावा घटनास्थल से एक INSAS  राइफल, दो 303 रायफल, 315 BGL लांचर सहित भारी मात्रा में हथियार और अन्य नक्सली सामान बरामद हुआ है। ऑपरेशन खत्म कर आज सुरक्षाबल पिकअप के जरिए वापस जिला मुख्यालय लौट रहे हैं। 

एक जवान शहीद, दो घायल 

इस मुठभेड़ में एसटीएफ के तीन जवानों को गोली लग गई। इनमें जशपुर जिले के रहने वाले एक जवान नितेश एक्का शहीद हो गए। वहीं जवान कैलाश नेताम और लेखराम नेताम घायल हो गए हैं, जिनका इलाज रायपुर के रामकृष्ण अस्पताल में चल रहा है।

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