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दहेज प्रताड़ना के मामले में पुलिस ने पुरानी इंडियन पेनल कोड और नई भारतीय न्याय सहिंता के जरिए FIR दर्ज कर ली है।

प्रेम सोमवंशी/कोटा- छत्तीसगढ़ के कोटा में दहेज प्रताड़ना के मामले में पुलिस ने पुरानी इंडियन पेनल कोड और नई भारतीय न्याय सहिंता के जरिए FIR दर्ज कर ली है। एक ही एफआईआर में नई और पुरानी दोनों धाराएं लगाई गई है। राज्य का यह पहला मामला होगा, जिसमें ऐसा किया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार, कोटा थाना क्षेत्र में रहने वाली एक विवाहिता को शादी के बाद दहेज के लिए लगातार प्रताड़ित कर मारपीट की जा रही थी। पीड़िता ने घटना की शिकायत कोटा थाने में दर्ज करवाई थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आईपीसी और बीएनएस की धाराओं और अपराध क्रमांक 544/24 पर अपराध दर्ज किया है। 

पति और ससुराल वाले दहेज के लिए कर रहे थे प्रताड़ित  

महिला की शादी 4 महीने पहले हुई है। महिला की शिकायत के मुताबिक, शादी के एक हफ्ते बाद ही उसके पति और ससुराल वाले दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे और मारपीट कर मायके से रुपए लाने का दबाव बनाने लगे। इधर, महिला प्रताड़ना सह कर भी ससुराल में रह रही थी। इस मामले में महिला के मायके वालों ने पति और ससुराल वालों को समझाने की कोशिश की। लेकिन ससुराल वालों का इसका कोई असर नहीं पड़ा।

पुरानी और नई धाराओं को मिलाकर कार्रवाई क्यों 

दरअसल, 1 जुलाई से भारतीय न्याय संहिता लागू होने के बाद घटित होने वाले अपराधों पर भारतीय न्याय संहिता के तहत अपराध दर्ज करना है। लेकिन ऐसे अपराध जो 1 जुलाई के बाद दर्ज किए जा रहे हैं। उसपर घटनाक्रम 1 जुलाई के पहले के हैं। इसलिए तो पुरानी आईपीसी की धाराओं के तहत ही अपराध दर्ज कर विवेचना की जाती है। 1 जुलाई के बाद घटित अपराधों पर भारतीय न्याय संहिता के तहत अपराध दर्ज किए जा रहे हैं। इन मामलों में पीड़िता के साथ मारपीट और दहेज प्रताड़ना 1 जुलाई के पहले भी हुआ है और 1 जुलाई के बाद भी हुआ है इसलिए दोनों के तहत इसमें अपराध दर्ज किया गया है। 

महिला के साथ गाली गलौज की जाती थी

परेशान होकर महिला ने कोटा थाने में इसकी शिकायत दर्ज करवाई। महिला की शिकायत पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 294, 498, ए 506 और भारतीय न्याय संहिता की धारा 115(2) व 351(2) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस दोनों कानून के तहत मामले की जांच कर रही है। इस मामले में कोटा थाना प्रभारी उमेश साहू ने बताया कि, महिला को शादी के बाद से दहेज के लिए प्रताड़ित और धमकी और गाली गलौज की जाती थी।  इसके साथ ही नया कानून लागू होने के बाद उसके साथ मारपीट की गई है। इसके कारण आरोपी के खिलाफ नए और पुराने कानून की धाराओं में जुल्म दर्ज किया गया है।

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