कुलजोत सिंह संधू-फरसगाँव। बस्तर के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले केशकाल घाट में लगातार जाम लग रहा है। इस वजह से हर दिन घाट के दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं। घाटी में उड़ रहे धुल के गुब्बार से राहगीर काफी परेशान हैं। फूलों की घाटी कही जाने वाली केशकाल की यह घाटी अब धूल की घाटी बन गई है।
उल्लेखनीय है कि, दिपावली से पहले केशकाल घाट के मरम्मत का काम शुरू किया गया था। लेकिन अभी तक मार्ग बहाल नहीं हो सका है। घाटी में लगातार जाम लग रहा है। इससे दोनों तरफ गाड़ियों का लंबा जाम लग जाता है। धूल और प्रदूषण से राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बुधवार को भी घाटी में जाम लगने से लोगों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। केशकाल पुलिस वन वे कर मार्ग बहाल कराने में जुटी हुई है।
ओवरटेक के कारण लग रहे ज्यादातर जाम
बताया जा रहा है कि, ओवरटेक के कारण या फिर गाड़ी खराब होने की स्थिति में सड़क पर जाम लग रहा है। पुलिस ओवरटेक करने वालों पर लगाम नहीं लगा पा रही है। जाम लगने के कारण इस मार्ग में फिलहाल आवाजाही बाधित हो गई है।
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21 से 27 अक्टूबर तक घाटी में हुआ था मरम्मत का काम
21 से 27 अक्टूबर तक घाटी में मरम्मत का काम हुआ। इस दौरान माल वाहक वाहनों की आवाजाही 7 दिन तक पूरी तरह से प्रतिबंधित रही। छोटे वाहन और बसों की आवाजाही सुचारू रूप से संचालित थी।
ये था डायवर्टेड रूट
मरम्मत कार्य के दौरान राजधानी रायपुर जाने वाले भारी वाहन केशकाल, विश्रामपुरी, मधली दुधावा से कांकेर और धमतरी की तरफ से आवाजाही संचालित थी। राजनांदगांव जाने वाले भारी वाहन बेड़मा, धनोरा, अंतागढ़, भानुप्रतापुर होकर राजनांदगांव के लिए रवाना हुए। छोटे वाहन केशकाल के पहले बटराली से राँधा होकर खाले मूरवेंडकराने होकर सफर कर सकते थे। सुरक्षा की दृष्टि से जवानों की तैनाती और स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई थी।