रायपुर l छत्तीसगढ़ की सामाजिक संस्था वक्ता मंच गोबर के कंडों से होलिका दहन करने वाली समितियों को सम्मानित करेगी। इसके लिए वक्ता मंच ने हर साल की तरह इस साल भी घोषणा कर दी है। शहर की जो भी समितियां कंडों से होलिका दहन करती हैं वह अपना पंजीयन करा सकती है। जिसके बाद उन्हें पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य करने के लिए सम्मानित किया जायेगा।
वक्ता मंच के अध्यक्ष राजेश पराते ने बताया है कि, वृक्षों को काटे जाने से रोकने और पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से यह सम्मान दिया जा रहा है। वक्ता मंच पिछले एक दशक से ऐसा कार्यक्रम आयोजित करता आ रहा है। इस दिशा में कार्यरत समितियां वक्ता मंच के संयोजक शुभम साहू के व्हाट्सएप न. 9165599995 पर संदेश प्रेषित कर अपना पंजीयन करा सकती है।

कई शहरों में चलाया जा रहा अभियान
राजधानी में बडी संख्या में होलिका दहन किया जाता है l इसके लिए लकड़ियों के उपयोग से पेड़ों को नुकसान पहुंचता है। साथ ही पर्यवरण और वायु प्रदुषण की बढ़ने की संभावना होती है। होली त्यौहार पर अक्सर लोग लकडियाँ एकत्रित करने के लिए हरे- भरे वृक्षों की कटाई कर दी जाती है l वनों के घटते क्षेत्रफल के मद्देनजर होलिका दहन में लकड़ियों का उपयोग को ख़त्म करने पर विचार करने की जरूरत है l
कंडों की होलिका दहन करने का आग्रह
भारतीय संस्कृति में होली पर्व के आध्यात्मिक महत्व के दृष्टिगत देश के कई शहरों में गोबर के कंडों से होलिका दहन का अभियान चलाया जा रहा है। गोबर के कंडे खरीदने से ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार में वृद्धि होगी। साथ ही वनों का संरक्षण भी होगा l प्राचीनकाल में होलिका दहन के लिए गोबर के बने कंडों का उपयोग किया जाता था l वक्ता मंच ने समस्त समितियों से कंडों की होली जलाने का अनुरोध किया है l