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बदले मौसम की वजह से टमाटर पूरी तरह लाल हो गए है। जिसकी वजह से किसान टमाटर इस तरह रख रहे है।

देवीलाल साहू - भिलाई।  मौसम की मार का असर सब्जी उत्पादन पर खासा पड़ने लगा है। पिछले तीन दिनों की बदली और बारिश ने दुर्ग जिले सहित प्रदेशभर के सब्जी उत्पादक किसानों को चिंता में डाल दिया है। टमाटर, गोभी, सहित साग-सब्जियों के दाम थोक में औंधे मुंह गिरे हैं। सब्जी के दाम आधे हो गए हैं। कृषि विशेषज्ञों की मानें तो मौसम की स्थिति आने वाले दिनों में यही रही तो सब्जियों का ग्रोथ तेजी से होगा और बड़ी मात्रा में लोकल बाड़ियों से सब्जिया मार्केट में पहुंचेगी। इससे दाम और भी गिरेंगे। इधर, चिल्हर में अब भी लूट जारी है। टमाटर एक दिन पहले तक 40 रुपए किलो बिका है।

इस तरह हुए टमाटर, गोभी, मिर्च के दाम आधे

किसानों के मुताबिक एक कैरेट यानी 25 किलो टमाटर को किसान मंडी में 250 से लेकर 350 रुपए तक क्वालिटी के हिसाब से बेच रहा है। यानी एक किलो टमाटर थोक में 10 से लेकर 14 रुपए में बिकने लगा है। तीन दिन पहले टमाटर का थोक दाम 20 से लेकर 25 रुपए प्रति किलो था। इसी तरह फूलगोभी थोक में प्रति किलो 10 से 12 रुपए बिक रहा है। यह पहले 20 से लेकर 25 रुपए प्रति किलो था। भाटा के दाम भी प्रति किलो 10 रुपए तक आ गई है। थोक में पहले भाटा 18 रुपए प्रति किलो बिक रहा था। पालक, लाल भाजी और चौलाई भाजी के दाम भी बेहद कम हो गए हैं। ये तीनों साग थोक में प्रति किलो 18 रुपए थे, जो अब 10 रुपए तक आ गई है। मिर्ची सबसे ज्यादा मंहगी बिक रही थी। मिर्ची अब 15 रुपए किलो हो गई है। पहले मिर्ची 30 रुपए किलो थी। सेमी प्रति किलो थोक में 20 रुपए हो गई है। पहले यह 30 रुपए किलो थी।

मौसम की मार से ये तीन समस्याएं बढ़ीं

मौसम की मार से प्रदेशभर के सब्जी उत्पादक किसानों को तीन तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। धमधा पथरिया के किसान लीमन साहू, केशडबरी के किसान प्रकाश लोधी, नगपुरा के किसान पंकज भाई, गनियारी के किसान टेकन साहू, धोठा के किसान रामाधार, डोमा पथरिया के किसान संदीप सोलंकी आदि बताते हैं कि बदली और बारिश की वजह से टमाटर, फूल गोभी, मिर्ची सहित अन्य साग सब्जियां प्री मेच्योर हो गई है। इससे जो सब्जी दो से तीन दिन बाद तैयार होती, वह पहले तैयार हो रही है। खासकर टमाटर तो एक साथ पकने लगे हैं। दूसरा सब्जियों में मौसम की वजह से फंगल इंफेक्शन, वायरस व बैक्टीरिया की मार पड़ रही है। तीसरा मंडियों में सभी बाड़ियों से बड़े पैमाने पर सब्जियों की आवक होने से दाम काफी नीचे आने लगे हैं।

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4.99 लाख हेक्टयेर में हो रही है सब्जी की पैदावारी

दुर्ग जिले सहित प्रदेशभर में साग- सब्जियों का उत्पादन 4.99 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में हो रहा है। जिसमें सब्जियों की पैदावारी 68 लाख 92 हजार 500 मिट्रिक टन होती है। अकेले दुर्ग जिले में ही इस साल साग-सब्जी 7923.3828 हेक्टेयर में लिया गया है। जिसमें 380280 मिट्रिक टन टमाटर उत्पादन होता है। छत्तीसगढ़ में सब्बज्जियों की खेती के लिए प्रसिद्ध जिलों में दुर्ग, रायपुर, और बिलासपुर शामिल हैं। राज्यभर में टमाटर, फूल गोभी, बंद गोभी, सेमी, नवलगोल, भाटा, मिचीं, धनिया, पालक, लाल भाजी, मेथी भाजी, सरसों आदि सब्जियों की खेती हो रही है।

मौसम का असर

उद्यानिकी विभाग के उप संचालक पूजा साहू ने बताया कि, मौसम में बदलाव आने की वजह से टमाटर व अन्य सब्जियां जल्दी तैयार हो रही हैं। कभी बदली, कभी बारिश तो कभी धूप जैसा मौसम सब्जियों के अनुकूल नहीं होता। फसलों पर कीट- व्याधि आने लगती है।

आधे दाम पर बेच रहे

छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन  के महासचिव झबेंद्र भूषण वैष्णव ने बताया कि, पिछले तीन-चार दिनों की मौसम का खासा असर सब्जी उत्पादक किसानों पर पड़ा है। टमाटर, गोभी, बैगन से लेकर सभी तरह की सब्जियां जल्दी तैयार हो रही है। जिससे मंडी में खपत की तुलना में आवक बढ़ गई है। किसान तीन दिन पहले के आधे दाम पर सब्जी बेचने मजबूर है। 

 

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