रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले से विधवा महिला के साथ ससुराल वालों द्वारा प्रताड़ना और घर से निकालने का मामला सामने आया है। इस मामले को छत्तीसगढ़ राज्य मानव अधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया है। बताया जा रहा है कि, रायगढ़ पुलिस ने शिकायत के बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर आयोग ने एसपी को नोटिस जारी कर महिला की शिकायत पर जांच कर मामले में 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट मांगी है।
मिली जानकारी के अनुसार, पिछले साल दिसंबर 30 को विधवा महिला ने आयोग को आवेदन पत्र भेजा था। पत्र में महिला ने लिखा है कि, वह रायगढ़ की रहने वाली है। उसके पति की मौत के बाद ससुराल वाले लगातार उसे प्रताड़ित करने लगे। उन्होंने उसकी संपत्ति पर कब्जा कर लिया और उसे घर से निकाल दिया है। उसने लिखा है कि, ससुराल वालों ने उसके पति की सोंट्रो कार भी छीन ली है।
पुलिस ने मामला ठंडे बस्ते में डाला
महिला ने थाने में ससुराल वालों के खिलाफ शारीरिक, आर्थिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने, उसे घर से निकालने और उसकी संपत्ति को छिनने की लिखित शिकायत की थी। लेकिन थाने में एफआईआर भी दर्ज नहीं किया गया। बल्कि मामले को धारा 155 के तहत दर्ज कर फौती कार्रवाई की गई। जबकि, यह घटना भा.दं.सं धारा 403, 498 (ए) की धाराओं और दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3 और 6 अंतर्गत कार्रवाई की जानी थी।
आयोग ने एसपी को कार्रवाई के दिए निर्देश
शिकायत पर रायगढ़ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद महिला ने छत्तीसगढ़ राज्य मानव अधिकार आयोग से मामले की शिकायत की। अब आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष गिरधारी नायक के निर्देश पर एसपी रायगढ़ को मामले की जांच कर पन्द्रह दिनों में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश जारी किया है।