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सुकमा जिले में सड़क मार्ग में यात्रियों से मनमाने ढंग से किराया वसूला जा रहा है। अलग- अलग बस कंपनियां अपनी मनमर्जी के अनुसार यात्रियों से किराया वसूल रही है। विरोध करने पर उनसे बत्तमीजी भी की जाती है। 

लीलाधर राठी-सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सड़क मार्ग ही यात्री परिवहन का एकमात्र साधन बस ही है। लेकिन चालक किस तरह मनमानी करते है इसकी बानगी देखना हो तो एक बार सुकमा से चलने वाली बसों मे यात्रा करना होगा। सुकमा से चाहे रायपुर की यात्रा हो या फिर दक्षिण की तरफ कहीं भी. आये दिन मनमाना किराया और यात्रियों के साथ बदमीजी बस चालकों का पेशा बन गया है। 

यहां तक कि, बस का भाड़ा कितना हो ये शासन नहीं बल्कि यहां के बस मालिक तय करते है। सुकमा जिले में परिवहन यात्रा का एकमात्र सड़क मार्ग होने से बेबस यात्रियों से मनमानी वसूली अपनी चरम सीमा पर है। सुकमा आदिवासी जिला होने की वजह से यात्रियों के अशिक्षित होने और उनकी मजबुरी का पूरा फायादा बस मालिक उठाने लगे हैं। सुकमा जिला मुख्यालय से सौ से अधिक बसें छत्तीसगढ़ के साथ सीमावर्ती राज्यों की ओर जाती है। सबसे अहम बात यह है कि, यहां शासन से तय दरों पर यात्रा कराने के बजाय मेरी मर्जी की तर्ज पर यात्रियों का फायदा उठाया जाता है।

सुकमा से रायपुर भाड़े में फर्क 

सुकमा से रायपुर, दुर्ग, विजयवाड़ा और हैदराबाद जाने वाली बसों के भाड़े को देख कर सब्जी मार्केट की याद आ जाती है। सुकमा से रायल ट्रेव्लस की एसी बस में यात्रा करने पर 750 रुपये लिया जाता है। तो दुसरी ओर इसी बस में वापसी करने पर 850 रुपये लिए जातें हैं। गुप्ता बस में 1150 रुपये वसूले जातें हैं। जबकि, सुकमा से विजयवाड़ा की दुरी 325 किमी है। सुकमा से हैदराबाद की दुरी 450 किमी है लेकिन वहां जाने का 1000 रुपये लिया जाता है। वही रायपुर
से सुकमा मनीष में एसी बस का 791 रुपये लिया जाता है।

आधे सफर में यात्रियों को दिया जाता है उतार

लंबी दुरी की यात्रा करने वाले यात्री सावधान हो जाएं। जी हां... ये वाकया कभी भी आपके साथ हो सकता है। लंबी दुरी से सुकमा आने वाली बसें आये दिन
यात्रियों को सुखद यात्रा के बजाय दुखद यात्रा बना देती है। 19 मई को रायपुर से कोंटा आने वाली राॅयल ट्रेव्लस की बसे में सवारी कम होने के कारण सुकमा, कोन्टा की यात्रा करने वाले यात्रियो को उतार कर दुसरे बसों मे ठुंस दिया गया था। इस दौरान परिवार के साथ लगेज के साथ यात्रा करने वालों पर क्या गुजरती होगी ये भगवान ही जाने।

नहीं दिखाई जाती है किराया सूची 

शासन द्वारा प्रत्येक बस संचालकों को निर्देश जारी किया गया था कि, प्रत्येक बस में यात्री भाड़ा सूची प्रदर्शित कराना अनिवार्य था. जिससे यात्री उसे देख कर भाड़े की तुलना कर सके। लेकिन शासन के आदेश का कितना पालन धरातल पर हो रहा है. ये तो अगर साहब एसी चैंबर से निकर कर बसों मे यात्रा करे तब समझ में आयेगा। अक्सर देखने में आता है कि, यात्री बसों मे किराया सूची सार्वजनिक नही होने से यात्री लुट का शिकार बन जाते है।

ज्यादा बोलोगे तो उतार दिये जाओगे ....

रायपुर से कोंटा मार्ग पर रॉयल बस चालकों की मनमानी का खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। अपनी मनमर्जी के हिसाब से बस चालक यात्रियों के पास बिना टिकट के अधिक पैसे ले रहें है। कितनी बार शिकायत के बाद भी पैसा लूटने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अनेक बार बस चालक, बुकिंग करने वालों के द्वारा यात्रियों से मनमानी ढंग से बस में खचाखच यात्रियों को भरने, समय बे समय बसों को निकालने की बात आम बात हो गई है। बस चालक हो या बुकिंग करने वाले इनकी मनमानी से तंग आकर प्रशासन से लिखित शिकायत दिया गया. जिसको लेकर टिकिट काटने वालों ने शिकायत करने वालों पर गाली गलौज करने तक उतारू हो गए थे।

रायपुर से आने के बाद देखुंगा- आरटीओ

इस पूरे मामले पर सुकमा जिला मुख्यालय में पदस्थ आरटीओ श्री रावटे ने कहा कि, फिलहाल राजधानी की यात्रा पर हूं आने पर इस पूरे मामले को देखेंगे।

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