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बलौदाबाज़ार में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिवासी समाज की ओर से  विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। समाज की महिला- पुरुष और बच्चे अपनी वेशभूषा में नजर आए।

कुश अग्रवाल-बलौदाबाज़ार। छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले में शनिवार को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिवासी समाज ने जिला स्तर पर वृहद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए।इस दौरान सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समाज की महिला-पुरुष और बच्चे अपनी वेशभूषा में नाचते -गाते नजर आए । समाज के प्रमुखों के द्वारा अपने इष्ट देव बूढ़ा देव की पूजा - अर्चना की गई।

दरअसल] विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर समाज के लोगों रैली निकाली है। यह रैली नगर के मुख्य मार्ग से होते हुए नगर भवन पहुंची जहां सभा का आयोजन किया गया था। रैली का प्रमुख आकर्षण पारंपरिक वेशभूषा के साथ तीर-धनुष और  अन्य पारंपरिक साज सज्जा और कर्मा सुआ नृत्य करते हुए हजारों की संख्या में समाज के लोग रैली के साथ चल रहे थे।

आदिवासी समाज जल, जंगल और जमीन का रक्षक है 

समाज के लोगों ने बताया कि,आदिवासी समाज की संस्कृति, रहन- सहन, वेशभूषा, खान-पान सब बिलकुल सहज और सरल है। हमारा समाज मेहनतकश है जो जल, जंगल और जमीन का रक्षक, प्रकृति की गोद में खेलने वाला तथा उसकी रक्षा करने वाला है। इस मौके पर सर्व आदिवासी समाज के जिला और ब्लाक पदाधिकारी का शपथ ग्रहण भी करवाया गया।

पौधा वितरण कर पर्यावरण का दिया संदेश

इसके बाद प्रतिभावान छात्र-छात्राओं और समाज के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले युवाओं का सम्मान किया गया हैं। वहीं कार्यक्रम के अंत में आदिवासी समाज के कार्यक्रम में पहुंचे सभी लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक पेड़ मां के नाम के आह्वान पर एक-एक पौधा सभी को वितरित किया गया।

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