Avadh Ojha interview: दिल्ली विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, ठीक वैसे ही लुटियंस दिल्ली के साथ-साथ पूरे देश में राजनीतिक दलों की रणनीतियां और चुनावी तैयारियां सुर्खियां बटोर रही हैं। इसी क्रम में आम आदमी पार्टी (AAP) ने हाल ही में चर्चित यूपीएससी शिक्षक अवध ओझा को शामिल कर एक नया चेहरा पेश किया। हालांकि, उनके साथ एक अधूरा इंटरव्यू अब विवाद का केंद्र बन गया है और इसे लेकर सोशल मीडिया पर आम आदमी पार्टी को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
अधूरे इंटरव्यू के पीछे का क्या है मामला?
एक अंतरराष्ट्रीय न्यूज मीडिया के साथ हाल ही में अवध ओझा से उनकी नई राजनीतिक भूमिका, आम आदमी पार्टी में शामिल होने के कारण और उनकी विचारधारा को लेकर सवाल करने पहुंचे थे। इंटरव्यू के दौरान जब उनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी की तारीफ से जुड़े सवाल पूछे गए, तो आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधियों ने इसे 'उल्टा-सीधा सवाल' करार देते हुए इंटरव्यू बीच में ही रुकवा दिया।
इस पर ओझा ने कहा, 'पार्टी लाइन डिसाइड करेगी। ये तो ये लोग डिसाइड करेंगे।' इसके बाद उन्होंने माइक उतार दिया। संबंधित मीडिया संस्थान ने इस घटनाक्रम का वीडियो सार्वजनिक किया, जिसमें आप प्रतिनिधियों को रिपोर्टर को सवाल न पूछने के लिए कहते साफ-साफ सुना जा सकता है।
सोशल मीडिया पर हो रही जमकर आलोचना
वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर आम आदमी पार्टी और अवध ओझा दोनों की आलोचना हो रही है। कई यूजर्स ने इसे 'लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर हमला' करार दिया। इसी क्रम में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक यूजर ने सवाल उठाया कि उल्टा-सीधा सवाल क्या होता है? क्या अब राजा जी से पहले सवाल अप्रूव करवाए जाएंगे? यानी 'आप' सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के लिडरशिप में पार्टी के मुताबिक पत्रकार सवाल करेंगे?
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शुक्रवार सुबह अवध ओझा ने एक्स पर इस घटनाक्रम को लेकर विस्तार से लिखा और इसे एक वालंटियर की अनजाने में हुई गलती बताया।
क्या लिखा अवध ओझा ने?
ओझा ने अपने पोस्ट में स्वीकार किया कि इंटरव्यू को रुकवाना गलत था और यह पार्टी के एक वालंटियर द्वारा भावनात्मक प्रतिक्रिया के कारण हुआ। उन्होंने लिखा: वो शिक्षक ही क्या जो सवाल का जवाब ना दे। कल बीबीसी के साथ बढ़िया इंटरव्यू हुआ। उसे अवश्य देखें। unfortunately साक्षात्कार के दौरान हमारे एक वालंटियर ने अनजान वश पत्रकार महोदय को रोक दिया जो कि बिल्कुल सही नहीं था।
वो शिक्षक ही क्या जो सवाल का जवाब ना दे ।
— Avadh ojha (@kafiravadh) December 6, 2024
कल बीबीसी के साथ बढ़िया इंटरव्यू हुआ। उसे अवश्य देखे। unfortunately साक्षात्कार के दौरान हमारे एक वालंटियर ने अनजान वश पत्रकार महोदय को रोक दिया जो की बिल्कुल सही नहीं था ।
लोग कह रहे उसे दंड दी, बर्खास्त करो। उसे दंड देना उचित नहीं हैं…
उन्होंने आगे कहा कि वालंटियर को दंडित करने की मांग को वे सही नहीं मानते: लोग कह रहे उसे दंड दो, बर्खास्त करो। उसे दंड देना उचित नहीं है क्योंकि भाववश गलती हो गई। बाकी मैं किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा तैयार हूँ। शिक्षक हूं, प्रश्नों से ही मुझे ऊर्जा मिलती है और यह मत भूलना, हमेशा दोस्ती बनी रहे।
AAP के लिए चुनावी प्रभाव
जहां एक तरफ, आम आदमी पार्टी इस बार भी महिला और युवा मतदाताओं को साधने की रणनीति पर काम कर रही है। वहीं दूसरी तरफ अवध ओझा जैसे शैक्षिक और युवा चेहरों को पार्टी में लाकर एक सकारात्मक छवि बनाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, इंटरव्यू विवाद ने पार्टी के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है।
BBC uploaded 8 minute 32 seconds long interview of AAP leader Awadh Ojha and here are the last 25 seconds of it.
— Open Letter (@openletteryt) December 5, 2024
I want to end this tweet with some heavy words like freedom of speech, free press, new kind of politics, Modi is a dictator, vagairah vagairah ❤️ pic.twitter.com/Fxz3lxVUFt
पार्टी में ओझा की भूमिका
अवध ओझा को दिल्ली चुनाव में पार्टी का एक प्रमुख चेहरा बनाने की योजना है, खासकर युवाओं और पहली बार वोट डालने वालों को आकर्षित करने के लिए। लेकिन इस विवाद ने उनकी राजनीतिक शुरुआत को जटिल बना दिया है। इस विवाद पर अभी तक आम आदमी पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
पार्टी की रणनीति और अवध ओझा की भूमिका को लेकर उठ रहे सवालों के जवाब चुनावी माहौल में पार्टी की छवि को प्रभावित कर सकते हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी AAP के लिए यह मामला एक नई चुनौती के रूप में सामने आया है। देखना होगा कि पार्टी इसे किस तरह संभालती है और मतदाताओं के बीच अपनी स्थिति को कैसे मजबूत करती है।
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