Child Trafficking Gang Nangloi: देश की राजधानी दिल्ली में बच्चा चोरी करने वाले कई गिरोह सक्रिय हैं। सीबीआई ने हाल में केशवपुरम से बच्चा चोर गिरोह का पर्दाफाश करके वॉर्ड ब्वॉय समेत सात आरोपियों को अरेस्ट किया था, वहीं अब नांगलोई से भी बच्चा चोर गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। पुलिस ने चाइल्ड ट्रैफिकिंग के आरोप में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें तीन महिलाएं शामिल हैं। पुलिस को इनके पास से दो नवजात भी बरामद हुए हैं।
कैसे हुआ बच्चा चोर गिरोह का पर्दाफाश?
डीसीपी जिमी चिराम ने बताया कि नांगलोई पुलिस को सोनिया हॉस्पिटल के पास बच्चा चुराने वाले गिरोह के बारे में जानकारी मिली थी। इस जानकारी के मिलने के बाद पुलिस की एक टीम बनाई गई, जिसमें महिला पुलिसकर्मी और आला अधिकारी भी शामिल थे। इन आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया और वहां से तीन महिला और एक पुरुष को गिरफ्तार किया।
दो मासूमों को कराया मुक्त
पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर दो मासूम बच्चियों को मुक्त कराया है। पुलिस ने जब छानबीन की तो पता चला कि छोटी बच्ची पंजाब के फाजिल्का के एक परिवार की है, जिसे यूपी में बेचने की तैयारी थी। लेकिन, सौदा न होने की वजह से उसे दिल्ली में बेचा जा रहा था। दूसरी बच्ची को पुलिस ने चंडीगढ़ के एक दंपति के पास से मुक्त कराया है। आरोपियों ने इस बच्ची का ढाई लाख रुपये में सौदा किया था।
ये हैं आरोपियों की पहचान
पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों की पहचान दिल्ली के तिहाड़ गांव निवासी गैंग सरगना हसमीत कौर, उसका पति गुरमीत सिंह, मयूर विहार के दल्लूपुरा निवासी मरियम, निहाल विहार निवासी नैना के रूप में हुई है। पुलिस ने इनके पास से चार मोबाइल फोन और कुछ कैश भी बरामद किया है। आरोपियों से पूछताछ करने के बाद मामले की छानबीन की जा रही है।
सीबीआई ने 2 नवजात समेत 8 बच्चों को बचाया
बीते कुछ दिन पहले ही दिल्ली में बच्चा चोरी गैंग का बड़ा खुलासा हुआ था। सीबीआई की टीम ने छापेमारी कर केशवपुरम इलाके के घर से दो नवजात शिशुओं और आठ बच्चों का रेस्क्यू किया है। इस मामले में खरीद-फरोख्त करने वाले कुछ लोगों को भी गिरफ्तार किया था। वॉर्ड ब्वॉय समेत सात आरोपियों से पूछताछ चल रही है। आरोपियों में पुरुषों के अलावा महिलाएं भी शामिल हैं।
आरोपी प्रत्येक बच्चे को 4 से 5 लाख रुपये में बेचते थे। यह गिरोह अस्पताल से बच्चा चोरी करता था और निसंतान दंपत्तियों को बेच देता था। लड़के की कीमत ज्यादा होती थी। वहीं, सीबीआई को शक है कि यह गिरोह सेरोगेसी करवाकर बच्चे लेते और आगे बेच देते थे।