Delhi Air Pollution: दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। इस पर आप सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय तरह-तरह की योजनाएं लागू कर रहे हैं। रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ, पराली जलाने पर रोक, पटाखों पर प्रतिबंध और खुले में कचरा जलाने पर कंट्रोल करने की कवायद अपनाई गई है, फिर भी केंद्र सरकार की प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (EWS) ने चेतावनी जारी की है कि दिल्ली का AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक) शनिवार तक बहुत खराब रहने की संभावना है। इसके अलावा, अगले सप्ताह एक्यूआई 400 को पार कर सकता है, जो एक गंभीर स्थिति है। ऐसे में मौसम विशेषज्ञों ने सेहत को लेकर भी सलाह दी है। 

आज सुबह मापी गई इतनी AQI

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली की वायु गुणवत्ता आज यानी गुरुवार सुबह लगातार चौथे दिन ‘बहुत खराब’ कैटेगरी में रही, जब सुबह 9 बजे औसत AQI 328 बहुत खराब पर दर्ज किया गया। यह बुधवार शाम 4 बजे के 364 बहुत खराब कैटेगरी के मुकाबले बेहतर है, जो हवा की स्पीड की वजह से संभव हुआ है, जो 15 से 20 किमी/घंटा तक पहुंच गई। 

आप सरकार ने लागू किया ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान

केंद्र की प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (EWS) के अनुसार, दिल्ली का AQI शनिवार तक बहुत खराब रहने की उम्मीद है, और अगले सप्ताह इसके गंभीर होकर 400 को पार करने की संभावना है। इस सर्दी में पहली बार सोमवार को AQI ‘बहुत खराब’ कैटेगरी में आया है, जिसकी वजह से वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण-2 को लागू करना पड़ा।

आनंद विहार है सबसे ज्यादा प्रदूषित इलाका 

गुरुवार को दिल्ली के औसत AQI की 40 स्टेशनों में से 33 के आधार पर की गई, जिसमें आनंद विहार 389 सबसे ज्यादा प्रभावित रहा। इसके साथ-साथ कुल 27 स्टेशन बहुत खराब कैटेगरी में थे, जबकि छह स्टेशन खराब कैटेगरी में आए। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, 100 या उससे कम AQI मान को संतोषजनक माना जाता है, जब AQI मान 100 से ज़्यादा होता है, तो वायु गुणवत्ता अस्वस्थ होती है। 

वायु प्रदूषण पर क्या है एक्सपर्ट की राय?

बुधवार को हवा की दिशा बदलकर उत्तर-पश्चिमी होने की वजह से वायु प्रदूषण में वृद्धि हुई, जिससे दिल्ली में पराली की घुसपैठ बढ़ गई। केंद्र की निर्णय सहायता प्रणाली (DSS) ने मंगलवार को पराली जलाने का योगदान 8 फीसदी बताई, जबकि बुधवार के लिए यह अनुमानित 11.1 फीसदी थी। मीडिया से बातचीत में स्काईमेट के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा, "हवा की दिशा अगले दो से तीन दिनों तक खास तौर पर उत्तर-पश्चिमी रहेगी, जिसका मतलब है कि अगर खेतों में आग बढ़ी, तो AQI फिर से बढ़ सकता है।"

उन्होंने कहा कि प्रदूषण से सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन, गले में खराश जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वायु प्रदूषण से बचने के लिए मास्क का उपयोग करना चाहिए। साथ ही, सुबह और शाम के समय घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। हवा की स्थिति बदलने पर वायु प्रदूषण में कमी आना लाजमी है, तब तक बेहद सावधानी बरतनी चाहिए।