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अरविंदर सिंह लवली के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद पार्टी में नए अध्यक्ष को लेकर मंथन शुरू हो गया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के रेस में कई नेताओं के नाम शामिल हैं।

Delhi Congress President: अरविंदर सिंह लवली के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद जहां उन्हें मनाने की कोशिशें जारी हैं, वहीं नए अध्यक्ष को लेकर भी दौड़ शुरू हो गई है। इस दौड़ में कई वरिष्ठ व पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक शामिल है। सूत्रों के अनुसार, बेशक लवली को पद न छोड़ने के लिए मनाने मान मनौव्वल चल रही हो, लेकिन आला कमान अब नए चेहरे को लाने की सोच रहा है।

दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पर मंथन शुरू

लोकसभा चुनाव सिर पर हैं और पूर्व में चौधरी अनिल के अध्यक्ष के समय की भांति वर्तमान में दिल्ली में कोई कार्यकारी अध्यक्ष भी नहीं है। ऐसे में कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती ऐसे नए अध्यक्ष को लाने की है जिस पर संगठन में कोई बवाल न हो। हालांकि, लवली को मनाने की कवायद भी जारी है, लेकिन लगता नहीं है कि आला कमान वापस उन्हें कमान देगा।

माना जा रहा है कि अगर लवली को ही वापस कमान देनी होती, तो उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया जाता। लवली द्वारा पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे कड़े पत्र को मीडिया में लीक करने से पार्टी के आला कमान नाराज है। इसलिए वापस कमान सौंपने की संभावना बेहद कम दिखाई दे रही है।

दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष की दौड़ में ये नेता

ऐसे में विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नए अध्यक्ष की दौड़ में सबसे आगे राज्यसभा सांसद व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन का नाम लिया जा रहा है। वहीं, पूर्व अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा, पूर्व मंत्री हारून यूसुफ, पूर्व विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व मंत्री कृष्णा तीरथ और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित का नाम भी इस दौड़ में शामिल बताया जा रहा है।

दौड़ में सबसे आगे अजय माकन

राजनीति के जानकारों की मानें, तो कांग्रेस इस विषम परिस्थिति में माकन को तवज्जो दे सकती है, क्योंकि वह पहले भी अध्यक्ष रह चुके हैं। अच्छे वक्ता भी हैं, संगठन चला भी सकते हैं, लेकिन माकन के साथ समस्या यह है कि दिल्ली में एक धड़ा उनसे खुश नहीं रहा है। जाहिर है कि लोकसभा चुनावों से ठीक पहले लवली के पद छोड़ने के बाद कांग्रेस कोई भी कदम ऐसा नहीं उठाएगी जिससे कार्यकर्ताओं का रहा सहा मनोबल भी टूट जाए।

सुभाष चोपड़ा भी रेस में

दूसरे नंबर पर सर्वमान्य नेता के रूप में सुभाष चोपड़ा का नाम लिया जा सकता है। वह भी पूर्व में अध्यक्ष रह चुके हैं कई बार के विधायक भी हैं और वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस-आप के लोकसभा चुनाव की कोऑर्डिनेटर कमेटी के चेयरमैन भी हैं। चौपड़ा ऐसे नेता माने जाते हैं, जो सभी के साथ पटरी बिठा लेते हैं।

कांग्रेस मुस्लिम चेहरे पर खेल सकती है दांव

यहां एक फैक्टर लोकसभा की तीन सीटों का गणित भी अगर देखा जाए, तो दो सीटें चांदनी चौक और उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट मुस्लिम बहुल है। ऐसे में कांग्रेस नए अध्यक्ष के रूप में मुस्लिम चेहरे पर भी दांव खेल सकती है। अगर ऐसा होता है, तो मुस्लिम चेहरे में सबसे पहला नाम पूर्व मंत्री हारून युसूफ का सबसे वजनदार माना जा रहा है।

युसूफ शीला सरकार में तीन बार मंत्री रहे हैं और उनको मिलनसार भी माना जाता है। हारून के नाम पर भी शायद ही कोई गुटबाजी नजर आए। शीला सरकार के जाने बाद भी हारून प्रदेश संगठन में सक्रिय रहे हैं। चौ. अनिल के अध्यक्ष रहते हारून को भी पार्टी ने कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी थी।

लिस्ट में देवेंद्र यादव का नाम भी शामिल

इसके अलावा देवेंद्र यादव के नाम पर भी चर्चा हो सकती है, क्योंकि वह राहुल की टीम का हिस्सा हैं। यादव युवा और पढ़े लिखे समझदार नेता माने जाते हैं। सबसे कम आयु के पार्षद से लेकर दो बार विधायक चुने गए यादव कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य और उत्तराखंड व पंजाब के प्रभारी की जिम्मेदारी भी संभाली। इसके अलावा हारून की तरह ही यादव भी दिल्ली प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा चुके हैं, जबकि कृष्णा तीरथ सांसद से लेकर दिल्ली सरकार में मंत्री तक रह चुकी हैं, लेकिन उनकी बहुत ज्यादा सक्रियता नहीं रही है। कार्यकर्ताओं के बीच भी तीरथ की पकड़ कभी नहीं रही।

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