Delhi Congress President Resigns: लोकसभा चुनाव के बीच अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को चिट्ठी लिखकर इस्तीफा भेजा है। खरगे को लिखे पत्र में लवली ने इस्तीफा देने की वजह भी बताई है। उन्होंने जहां आम आदमी पार्टी से गठबंधन पर आपत्ति जताई, वहीं बाहरी प्रत्याशियों को टिकट देने पर रोष जताया। उनके इस इस्तीफे के बाद कन्हैया कुमार के खिलाफ कांग्रेसियों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। यहां पढ़िये तमाम अपडेट्स....
अरविंदर लवली बोले- पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया
अरविंदर लवली के इस्तीफे पर कांग्रेस दो फाड़ दिखाई दे रही है। एक तरफ जहां कुछ कांग्रेसी नेता अरविंद लवली के इस्तीफे को कार्यकर्ताओं की पीड़ा बता रहे हैं, वहीं कुछ नेता आरोप लगा रहे हैं कि लवली सिंह बीजेपी जॉइन करने वाले हैं। कांग्रेस के बीच इस घमासान को लेकर अरविंदर लवली ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि मैंने अपने पद से इस्तीफा दिया है, लेकिन कांग्रेस नहीं छोड़ी है।
कन्हैया के खिलाफ प्रदर्शन, लवली के समर्थक भड़के
अरविंदर सिंह लवली ने इस्तीफे देने की वजह के जो कारण बताए हैं, उनमें एक कारण यह भी है कि कन्हैया कुमार को प्रत्याशी बनाया गया है। ऐसे में कांग्रेस के कई कार्यकर्ता मौजपुर मेट्रो स्टेशन के पास पहुंचे और कन्हैया कुमार के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान ने लवली पर ही निशाना साधा। कहा कि एक दो दिन में वे बीजेपी में चले जाएंगे, इसलिए कांग्रेस को बदनाम कर रहे हैं। इस दौरान मोहम्मद खान के साथ लवली के समर्थकों ने धक्का मुक्की की।
अरविंदर लवली के आवास पर पहुंचे कांग्रेसी
अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे से कांग्रेस में हड़कंप मच गया है। मल्लिकार्जुन खरगे ने अरविंदर सिंह लवली से जुड़े विवाद का समाधान निकालने का पार्टी नेताओं को निर्देश दिया है। संदीप दीक्षित समेत कई कांग्रेसी अरविंदर सिंह लवली के आवास पर पहुंच गए। उनसे मिलने के बाद संदीप दीक्षित ने उनकी पीढ़ा बयां की। कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद कांटों से भरा ताज है। हमने कांग्रेस को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत की। उन्होंने एक खास सलाह भी कांग्रेस को दी है। विस्तृत खबर के लिए यहां क्लिक कीजिए...
अरविंदर लवली ने मल्लिकार्जुन खरगे को लिखी चिट्ठी
अरविंद सिंह लवली ने खरगे को लिखे पत्र में कहा कि दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी। जिसका गठबंधन कांग्रेस पार्टी के झूठे मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार किया गया था और जिसके आधे कैबिनेट मंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में हैं।
इसके बाद भी दिल्ली में कांग्रेस ने आदम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने का फैसला किया। हमने पार्टी के निर्णय का सम्मान किया। मैंने न सिर्फ निर्णय का समर्थन किया बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि पूरी राज्य इकाई हाईकमान के अंतिम आदेश का सम्मान करे। एआईसीसी महासचिव के निर्देश पर मैं सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उनके आवास पर भी गया था।
कन्हैया कुमार के बयान पर जताई आपत्ति
लवली ने लिखा कि नॉर्थ ईस्ट दिल्ली कांग्रेस के उम्मीदवार उम्मीदवार कन्हैया कुमार पार्टी लाइन और स्थानीय कार्यकर्ताओं की मान्यताओं को दरकिनार करते हुए दिल्ली के सीएम की झूठी प्रशंसा करते हुए मीडिया में बाइट दे रहे हैं। लेकिन असलियत यह है कि दिल्ली की जनता की पीड़ा के उलट उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और बिजली को लेकर AAP के झूठे प्रचार का समर्थन किया।
उदाहरण के लिए बता दें कि कन्हैया कुमार ने 23 अप्रैल को एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में केजरीवाल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था कि उनके लिए बिजली की व्यवस्था करने वाला, स्कूल खोलने वाला, जो दिल्ली की जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने वाले मुख्यमंत्री हैं, उन्हें जेल में डाल दिया। लवली ने कन्हैया कुमार के इसी बयान का जिक्र किया है।
खरगे को कहा धन्यवाद
अरविंद सिंह लवली ने चिट्ठी में लिखा है कि मैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का आभार व्यक्त करना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे कांग्रेस का दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष बनाया। मैंने पिछले 7-8 महीने में पार्टी को फिर स्थापित करने का पुरजोर कोशिश किया। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पार्टी फिर से उसी स्थिति में पहुंच जाए जैसे कभी थी। उन्होंने पत्र में लिखा कि जब मुझे प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली थी तो उस समय पार्टी इकाई किस स्थिति में थी। यह सबको पता है।
'पार्टी को पुनर्जीवित करने की मेहनत'
मैंने पार्टी की पुनर्जीवित करने और पार्टी को खड़ा करने के लिए अपने स्थानीय कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय करने में काफी मेहनत की। इस दौरान सैकड़ों स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल करवाया, जो या तो पार्टी छोड़ चुके थे या तो निष्क्रिय हो गए थे। उन्होंने आगे लिखा कि दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा लिए गए सभी सर्व सम्मत निर्णयों को AICC महासचिव एकतरफा वीटो कर दिया गया। डीपीसीसी पद पर मेरी नियुक्ति के बाद एआईसीसी के महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने मुझे डीपीसीसी में कोई वरिष्ठ नियुक्ति करने की अनुमति नहीं दी गई।
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उन्होंने आगे लिखा कि दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा लिए गए सभी सर्व सम्मत निर्णयों को AICC महासचिव एकतरफा वीटो कर दिया गया। डीपीसीसी पद पर मेरी नियुक्ति के बाद एआईसीसी के महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने मुझे डीपीसीसी में कोई वरिष्ठ नियुक्ति करने की अनुमति नहीं दी गई। इन्हीं सब कारणों के चलते भारी मन के साथ यह पत्र लिख रहा हूं कि मैं खुद को दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष पद बने रहने के रूप में खुद को असमर्थ पा रहा हूं।