Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम पार्टियों ने अभियान तेज कर दिया है। आम आदमी पार्टी हो, कांग्रेस हो या फिर बीजेपी, तमाम पार्टियां सत्ता अपने नाम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव भी इसको लेकर दिल्ली में न्याय यात्रा निकाल रहे हैं। आज इस यात्रा के 17वें दिन देवेंद्र यादव ने जनता को संबोधित करते हुए कई वादे किए हैं।

'हर घर में स्वच्छ पीने का पानी पहुंचाने का वादा'

देवेंद्र यादव ने लोगों से वादा किया कि 2025 में कांग्रेस सत्ता में आते ही हर घर में स्वच्छ पीने का पानी और अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करेगी। कांग्रेस की तत्कालीन दिल्ली सरकार ने 1797 अनाधिकृत कॉलोनियों के नियमितिकरण का काम शुरू किया था। लेकिन मोदी सरकार के शुरुआती 5 वर्षों में आरोप-प्रत्यारोप को छोड़ इस पर कोई कार्य हुआ ही नहीं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव-2019 में प्रधानमंत्री मोदी ने अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख लोगों को मालिकाना हक देने का वादा किया था।

'लोगों को नहीं मिल रहा मालिकाना हक'

कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर इस संख्या को परिवार के हिसाब से देखें तो यह करीब 10 लाख परिवार थे। पीएम-उदय योजना में लाखों लोगों ने आवेदन किए, लेकिन 5 वर्षों में मात्र 25 हजार लोगों को ही मालिकाना हक मिला है। उन्होंने कहा कि इस कछुआ गति से काम हुआ तो अगले 200 वर्षों में कहीं जाकर 10 लाख परिवारों को उनका मालिकाना हक मिल पाएगा। यादव ने कहा कि कॉंग्रेस ने वर्ष 2007 में जेएनएनयूआरएम मिशन के तहत शहरी गरीबों के लिए घर बनाने का काम शुरू किया। राजीव रत्न आवास योजना के तहत लगभग 2 हजार करोड़ की राशि से बनकर 45 हजार फ्लैट आवंटन के लिए तैयार थे।

कांग्रेस ने किया था झुग्गियां तोड़ने का विरोध

उन्होंने आगे कहा कि मोदी  सरकार आवंटन के लिए तैयार घरों को किराए की योजना (अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग स्कीम) में शामिल करने का प्रस्ताव लेकर आ गई। जिसका नतीजा है कि गरीबों को अब तक यह मकान नहीं मिल सका। झुग्गी-झोपड़ी वालों को जहाँ-झुग्गी, वहीं मकान का सपना दिखाकर धोखा देने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि 48,000 रेलवे झुग्गियों को जब तोड़ने का निर्णय सूप्रीम कोर्ट जाकर नॉर्थ रेलवे लेकर आई, तो उससे बचाने के लिए कांग्रेस पार्टी खड़ी ने स्टे दिलाने का काम किया।

यादव ने कहा कि कॉंग्रेस की केंद्र सरकार ने वर्ष 2014 में लगभग 8 लाख रेहड़ी-पटरी पर काम करने वाले शहरी गरीबों के संरक्षण तथा आजीविका के लिए स्ट्रीट वेंडर एक्ट-2014 लाई। एक्ट के तहत शहरी गरीबों को नियत स्थान पर वेंडिंग जोन बनाकर, लाइसेंस देने का काम किया जाना था, यह काम टाउन वेंडिंग कमेटी (टीवीसी) के जरिये होने थे। लेकिन पिछले 10 वर्षों में टाउन वेंडिंग कमेटी (टीवीसी) का गठन व सर्वे का काम भी ढंग से नहीं हो सका।

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