Shalimar Bagh Delhi CM Rekha Gupta: दिल्ली की नौवीं मुख्यमंत्री बनीं रेखा गुप्ता ने गुरुवार को सचिवालय पहुंचकर मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाल लिया। रेखा गुप्ता शालीमार बाग विधानसभा सीट से पहली बार विधायक चुनी गई हैं। यह दूसरा मौका है जब दिल्ली को शालीमार बाग से कोई मुख्यमंत्री मिला है। इससे पहले 1996 में साहिब सिंह वर्मा भी इसी सीट से विधायक चुने जाने के बाद मुख्यमंत्री बने थे।  

1996 में शालीमार बाग से साहिब सिंह वर्मा बने थे सीएम

साहिब सिंह वर्मा ने 1993 के विधानसभा चुनाव में शालीमार बाग से कांग्रेस प्रत्याशी एस.सी. वत्स को हराया था। 1993 में दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश बनाकर पहली बार विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसमें भाजपा ने जीत दर्ज की थी। हालांकि, साहिब सिंह वर्मा का कार्यकाल लंबा नहीं चला। मूल रूप से मुंडका गांव के निवासी होने के बावजूद उन्होंने चुनाव शालीमार बाग से ही लड़ा था।  

तीसरी बार में मिली जीत, दो बार हार चुकी थीं रेखा गुप्ता

भाजपा ने रेखा गुप्ता को शालीमार बाग से लगातार तीन बार विधानसभा चुनाव का टिकट दिया। 2015 और 2020 में उन्हें आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी वंदना कुमारी से हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और 2025 में तीसरी बार टिकट पाकर शानदार जीत दर्ज की। इस बार उन्होंने वंदना कुमारी को हराकर इस सीट पर भाजपा की वापसी कराई।  

वैश्य समुदाय से आती हैं रेखा गुप्ता

रेखा गुप्ता वैश्य समुदाय से आती हैं, जिसे भाजपा का पारंपरिक वोट बैंक माना जाता है। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1993 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से की थी और 1996-97 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की अध्यक्ष बनीं। इसके बाद, 2007 और 2012 में उत्तरी पीतमपुरा से पार्षद चुनी गईं। 2022 में वे दिल्ली नगर निगम के मेयर पद की भाजपा उम्मीदवार भी रहीं। अपनी जीत का श्रेय उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेतृत्व को दिया है।  

शालीमार बाग भाजपा के लिए रही है भाग्यशाली सीट

शालीमार बाग विधानसभा सीट भाजपा के लिए हमेशा भाग्यशाली रही है। 1993 में इस सीट से पहली बार भाजपा के साहिब सिंह वर्मा विधायक चुने गए और फिर 1996 में दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद भाजपा के रविंद्र नाथ बंसल ने इस सीट से 1998, 2003 और 2008 में लगातार जीत दर्ज की। हालांकि, 2013 में आम आदमी पार्टी की वंदना कुमारी ने उन्हें हरा दिया।  

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इसके बाद 2015 और 2020 में भी आप की वंदना कुमारी ने इस सीट पर कब्जा जमाए रखा। लेकिन 2025 में रेखा गुप्ता ने इस सीट पर जीत दर्ज कर भाजपा की वापसी कराई। दिलचस्प बात यह है कि इस सीट पर कांग्रेस को कभी जीत नहीं मिली और उसका प्रत्याशी हमेशा तीसरे स्थान पर ही रहा। अब तक हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने पांच बार और आम आदमी पार्टी ने तीन बार इस सीट पर जीत दर्ज की है। खास बात यह है कि भाजपा के पांच विजेताओं में से दो मुख्यमंत्री बन चुके हैं- साहिब सिंह वर्मा और अब रेखा गुप्ता।