देश की राजधानी दिल्ली में भी दक्षिणी भारत के सबसे महत्वपूर्ण पर्व ओणम को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है। यह पर्व न केवल फसल कटाई की खुशी में मनाया जाता है बल्कि इसे आपसी एकता, सद्भावना और समानता के रूप में भी देखा जाता है। उत्तर भारत में जिस तरह से होली, दिवाली और रक्षाबंधन जैसे पर्व को मनाने के लिए परिवार के सदस्य इकट्ठा होते हैं, उसी तरह यह त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार 6 सितंबर से शुरू हो चुका है और 15 सितंबर तक चलेगा।
त्योहारों की बात हो रही है, तो खाने पीने का जिक्र बनता है। दरअसल, सभी त्योहारों पर घरों में विशेष पकवान बनाए जाते हैं, यही हमारी परंपरा है। लेकिन, आज हम ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कि अपने साउथ इंडियन डिशेज के लिए बेहद फेमस हैं। केवल दक्षिणी भारतीय ही नहीं बल्कि उत्तर भारतीय भी इन स्थानों पर जाकर साउथ इंडियन खाने का स्वाद लेकर ओणम के त्योहारों की झलक भी देख सकते हैं। तो चलिये बिना देरी किए बताते हैं दिल्ली के बेस्ट साउथ इंडियन रेस्टोरेंट्स के बारे में....
सागर रत्ना रेस्टोरेंट
दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित सागर रत्ना रेस्टोरेंट अपने दक्षिणी व्यंजन के लिए बेहद फेमस है। यहां एंट्री करते ही आपको साउथ में होने की फिलिंग मिलेगी। यहां के हर एक व्यंजन में साउथ का टेस्ट घुला है। आपने कई जगह मसाला डोसा, इडली ट्राई किया होगा, लेकिन यहां का स्वाद लेने के बाद अब पुराने अनुभव को भूल जाएंगे, केवल यहां का स्वाद ही जुबां पर रह जाएगा। यहां दो लोगों के खाने का औसत खर्चा 800 रुपये के आसपास है। तो इस त्योहारी सीजन में एक बार इस रेस्टोरेंट की विजिट अवश्य बनती है।
सरवना भवन
दक्षिण भारतीय रेस्टोरेंट की बात करें तो सरवना भारत का नंबर आता है। यह एक अंतरराष्ट्रीय होटल की श्रृंखला का हिस्सा है। यहां आपको एक से बढ़कर एक बेहतरीन साउथ इंडियन डिशेज मिल जाएंगी। यहां साउथ के लोग अपनी परंपरागत परिधान में नजर आएंगे। दृश्य देखकर ऐसा लगेगा कि आप दिल्ली में नहीं बल्कि साउथ के किसी रेस्तरां में बैठे हैं। यहां का शांत माहौल आपके हर तनाव को दूर कर देगा। यहां दो लोगों के खाने का औसत खर्चा करीब 700 रुपये के आसपास है।
दक्षिण शेरेटन होटल
दिल्ली के साकेत में साउथ इंडियन डिशेज खाने के लिए यह भी एक परफेक्ट जगह है। यहां के वेजिटेरियन के साथ ही नॉन वेजिटेरियन फूड भी खासा फेमस है। इनका स्वाद चखने के लिए बड़े-बड़े अधिकारी भी यहां पहुंचते हैं। बताया जाता है कि इनका सबसे पहला रेस्टोरेंट 1960 में चेन्नई में खुला था। चेन्नई के स्वाद को दिल्ली तक पहुंचाने के लिए यहां भी श्रृंखला खोली गई। खाने को बनाने के लिए यहां भी प्राकृतिक मसालों का इस्तेमाल किया जाता है, जो कि दिल्ली के खाने का स्वाद बढ़ा देते हैं।
नैवेघम रेस्टोरेंट
हौज खास विलेज स्थित नैवेघम रेस्टोरेंट भी दक्षिणी व्यंजनों के लिए फेमस है। यहां के मसाला डोसा को ट्राई किया तो सोचेंगे कि काश यहां पहले क्यों नहीं आए। यहां विशाल डोसा आपको अचंभित कर देगा। बाइट लेंगे तो स्वाद में खो जाएंगे। विशेषकर साउथ की पसंदीदा मिठाई सुगंधित केसरी भात को अवश्य ट्राई करना। दावा है कि आप घर के लिए भी इस मिठाई को पैक करा लेंगे ताकि आराम से धीरे-धीरे इसका स्वाद लेते रहें। यहां दो लोगों के खाने का औसत खर्चा 550 रुपये के आसपास है।
कर्नाटक कैफे
दिल्ली की न्यू फ्रेंडस कॉलोनी स्थित कर्नाटक कैफे का नाम शामिल नहीं किया तो समझो सूचना अधूरी रह गई। इस रेस्टोरेंट में भी दक्षिण भारतीयों का मेला लगा रहता है। इसकी दीवारों पर परंपरागत सजावट की गई है। छत पर लटके भुट्टे देखकर आपके मुंह में पानी आ जाएगा। बन्ने खली डोसा और मलेश्वरम 18वां क्रॉस डोसा, इनकी विशेषता है। अगर यहां आना हो, तो इन दोनों को भी अवश्य ट्राई कीजिएगा।
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