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शालीमार बाग से बीजेपी विधायक रेखा गुप्ता सबसे आगे निकल चुकी हैं। अगर रेखा गुप्ता सीएम चुनी जाती हैं, तो यह दूसरा मौका होगा, जब हरियाणा की किसी बेटी को दिल्ली की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

दिल्ली के नए मुख्यमंत्री की दौड़ में शालीमार बाग से बीजेपी विधायक रेखा गुप्ता सबसे आगे निकल चुकी हैं। बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने रेखा गुप्ता का नाम बतौर सीएम प्रस्तावित किया, जिसे बीजेपी ने स्वीकार कर लिया है। रेखा गुप्ता को सीएम बनाने के बाद दूसरा मौका है, जब हरियाणा की बेटी देश की राजधानी दिल्ली की कमान संभालती नजर आएंगी। आइये बताते हैं कि रेखा गुप्ता ने आप की बंदना कुमारी से लेकर बीजेपी के प्रवेश वर्मा समेत अपनी ही पार्टी के दिग्गजों को किस तरह पीछे छोड़ा...

बंदना कुमारी से लिया हार का बदला

आम आदमी पार्टी ने 2020 के विधानसभा चुनाव में शालीमार सीट से बंदना कुमारी को चुनावी मैदान में उतारा था। भाजपा की ओर से रेखा गुप्ता ने चुनाव लड़ा, लेकिन हार गईं। बंदना कुमारी को 57707 वोट मिले थे, जबकि रेखा गुप्ता को 54267 वोट मिल सके। बंदना कुमारी और रेखा गुप्ता के बीच वोटों का अंतर महज 3440 रहा। 2025 का विधानसभा चुनाव आया, तो बीजेपी ने दोबारा से रेखा गुप्ता पर भरोसा जताया। इस बार रेखा गुप्ता ने बीजेपी को गुड न्यूज दी।

उन्होंने बंदना कुमारी को 29000 से अधिक वोटों के विशाल अंतर से पराजित कर दिया। इस चुनाव में बंदना कुमारी को 38605 वोट प्राप्त हुए, जबकि रेखा गुप्ता ने 68200 वोट हासिल किए। रेखा गुप्ता के अलावा दिल्ली में बीजेपी ने 8 प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से 4 महिला प्रत्याशी ही विजयी हुए। इनमें से रेखा गुप्ता को महिला उम्मीदवारों में से सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन अब पुरुष दावेदारों की रेस में भी आगे निकलती दिखाई दे रही थी।

प्रवेश वर्मा, वीरेंद्र सचदेवा, बीजेंद्र गुप्ता पीछे

सीएम रेस में प्रवेश वर्मा सबसे आगे चल रहे थे। उन्होंने नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल को हराया था। इसके अलावा, वीरेंद्र सचदेवा और बीजेंद्र गुप्ता समेत कई दावेदार सीएम रेस में थे। एक न्यूज टीवी ने बाकायदा ऑनलाइन सर्वे चला रखा था कि कौन सा सीएम होना चाहिए। खास बात है कि ऑनलाइन सर्वे में भी रेखा गुप्ता ने सबको पीछे छोड़ दिया है। इस सर्वे में रेखा गुप्ता को 44911 वोटों के साथ सबसे आगे दिखाया जा रहा है। दूसरे नंबर पर प्रवेश वर्मा 37600 वोटों के साथ हैं। यह अंतर भी दर्शाता है कि रेखा गुप्ता सीएम रेस में कितने आगे चल रही है।

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सुषमा स्वराज भी रह चुकी थी सीएम

भाजपा की दिल्ली में 27 साल बाद वापसी हो रही है। इससे पहले केवल एक महिला को मुख्यमंत्री बनाया गया था। अंबाला में जन्मी सुषमा स्वराज ने 12 अक्टूबर 1998 से 3 दिसंबर 1998 तक सीएम पद की जिम्मेदारी संभाली। लेकिन उन्हें सिर्फ 52 दिन काम करने का मौका मिला था। इससे पहले साहिब सिंह वर्मा ने 26 फरवरी 1996 से 12 अक्टूबर 1998 तक दो साल 228 दिन सीएम पद संभाला, वहीं मदनलाल खुराना ने 2 दिसंबर 1993 से 26 फरवरी 1996 के बीच दो साल 86 दिन का कार्यभार संभाला। मतलब पांच साल में तीन सीएम रहे। 

इसके बाद चुनाव हुए, जिसमें कांग्रेस ने जीत हासिल कर ली। कांग्रेस ने शीला दीक्षित को सीएम बनाया और पांच साल तक मुख्यमंत्री रहीं। इसके बाद अगले दस साल भी सीएम की जिम्मेदारी संभालती रहीं। रेखा गुप्ता को सीएम चुना, यह बीजेपी की आगे की राजनीति के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। 

जींद के जुलाना से है रेखा 

चलते चलते बता दें कि रेखा गुप्ता का परिवार हरियाणा के जींद जिले के जुलाना से है। उनके पिता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी करते थे। इसके बाद वो दिल्ली शिफ्ट हो गए। लेकिन उनके पिता मनीराम जिंदल अभी भी गांव में रह रहे हैं।

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