Delhi: दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 235 ऑपरेशन थिएटर हैं लेकिन उनमें से 62 बंद पड़े हैं। दिल्ली सरकार को यह भी मालूम नहीं है कि अस्पतालों में कितने उपकरण और मशीनें खराब पड़ी हैं। यही वजह है कि कुछ अस्पतालों में सर्जरी के लिए कई-कई महीनों की तारीख दी जा रही है और दूसरी तरफ ऑपरेशन थियेटर तो हैं, लेकिन वहां ऑपरेशन करने के लिए डॉक्टर और अन्य स्टाफ ही नहीं हैं।

BJP विधायक का आरोप

बिधूड़ी ने कहा कि ऑपरेशन थियेटरों के बंद होने का एक बड़ा कारण यह है कि सरकार के पास कोई विजन ही नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान भी यही बात सामने आई थी कि सरकार स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में पूरी तरह फेल हो गई थीं। मरीजों को बेड, डॉक्टर, दवाइयां, ऑक्सीजन और एबुलेंस नहीं मिले।

वहीं, कोरोना लहर के खत्म होने के बाद सरकार ने एलएनजेपी और जीटीबी अस्पतालों के साथ अस्पताल तैयार कराए जिस पर करोड़ों रुपये बर्बाद हो गए। इसी तरह कोरोना लहर के दौरान ही सरकार को यह महसूस हुआ कि बेड बढ़ाए जाने चाहिए। तब बेड तो खरीद लिए गए, लेकिन डॉक्टरों के साथ-साथ ऑपरेशन के लिए जरूरी अन्य स्टाफ की भर्ती आज तक नहीं हुई।

यही वजह है कि ऑपरेशन थियेटर में बेड भी हैं और उपकरण भी, लेकिन स्टाफ ही मौजूद नहीं है। इसका नतीजा यह निकल रहा है कि जब कोई व्यक्ति दिल्ली सरकार के बड़े अस्पताल में किसी सर्जरी के लिए जाता है, तो कई-कई महीनों के बाद की तारीख दे दी जाती है। यह अराजकता की स्थिति है कि ऑपरेशन थियेटर तो हैं लेकिन फिर भी वे बंद पड़े हैं।

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