Delhi Politics: दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी की सरकार है। इसी बीच, अब बीजेपी ने लैंडफिल साइट के मुद्दे पर बीजेपी ने केजरीवाल सरकार को घेरा है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि 1 जनवरी 2024 को दिल्ली में कूड़े के पहाड़ नहीं दिखेंगे ये अरविंद केजरीवाल का बयान था। उन्होंने कहा कि मैं उन्हें आईना दिखा रहा हूं। दिल्ली की जनता भारतीय जनता पार्टी के संघर्ष को देख रही है और आपको (Arvind Kejriwal) आईना भी दिखा रही है।
अब तक कितने कचरे का हुआ निस्तारण
देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित तीन कूड़े के पहाड़ों को दो साल में हटाने का वादा किया गया था। ओखला लैंडफिल को दिसंबर, 2023 तक जबकि भलस्वा लैंडफिल को मार्च, 2024 तक और गाजीपुर लैंडफिल को दिसंबर 2024 तक हटाने के लिए कहा गया था। कचरे के पहाड़ों को हटाने के लिए एमसीडी को तकरीबन 850 करोड़ रुपये का लोन देने की बात कही गई थी।
तीनों लैंडफिल साइटों पर जमा कचरे के निस्तारण के लिए 44 ट्रॉमल मशीन लगाई गई हैं। इनकी कुल क्षमता लगभग 20,000 से 22000 मीट्रिक टन कचरा हर दिन निस्तारण करना है। दिल्ली नगर निगम ने अब तक 77 लाख मीट्रिक टन कचरे को कम कर दिया है। ओखला लैंडफिल साइट पर कचरे के ढेर की ऊंचाई 17 मीटर तक कम कर दी गई है, भलस्वा लैंडफिल साइट पर 11 मीटर ऊंचे एक ढेर को पूरी तरह निस्तारित कर दिया गया है तथा 12 मीटर ऊंचे दूसरे ढेर को निस्तारित करने का काम चल रहा है। साथ ही, गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कुछ जगहों पर कचरे के ढेर की ऊंचाई 12 से 18 मीटर तक कम कर दी गई है।
दिल्ली में कितने टन कूड़ा
बता दें कि दिल्ली में रोजाना 11000 मीट्रिक टन कचरा पैदा होता है। दिल्ली नगर निगम के पास इसमें से 8213 मीट्रिक टन कचरे को खत्म करने की क्षमता है। यह रोजाना पैदा होने वाले कचरे का 75 फीसदी है। एमसीडी 557 टन कचरा प्रतिदिन कम्पोस्टिंग संयंत्रों, 256 टन प्रतिदिन एमआरएफ एवं 7400 टन प्रतिदिन वेस्ट टू एनर्जी प्लांट की मदद से खत्म करता है। यह ओखला, बवाना एवं गाजीपुर में स्थित हैं। 1700 टन प्रतिदिन कचरा ओखला लैंडफिल साइट, 2200 टन कचरा प्रतिदिन भलस्वा एवं 1700 टन कचरा प्रतिदिन गाजीपुर लैंडफिल साइट पर पहुंचता है।