BJP MLA Brahm Singh Tanwar Joins AAP: दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बड़ा झटका लगा है। गुरुवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता और तीन बार के विधायक रहे ब्रह्म सिंह तंवर आज आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हो गए। आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें औपचारिक रूप से पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस मौके पर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने तंवर के AAP में शामिल होने का स्वागत किया और इसे पार्टी के लिए "खुशी का दिन" बताया।
आप को मिलेगी पार्टी को नई ऊर्जा- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से ब्रह्म सिंह तंवर के AAP में शामिल होने का स्वागत किया। उन्होंने कहा, "ब्रह्म सिंह तंवर जी दिल्ली की राजनीति का एक बड़ा चेहरा हैं। यह बीजेपी से तीन बार विधायक रह चुके हैं और दिल्ली और पंजाब में आप सरकारों के कार्यों से प्रभावित होकर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए हैं। इनके आने से पार्टी को नई ऊर्जा मिलेगी।"
मजबूत समर्थन का संकेत
ब्रह्म सिंह तंवर के साथ दिल्ली देहात और दक्षिणी दिल्ली के कई अन्य प्रमुख नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी भाजपा छोड़कर AAP में शामिल हुए हैं। बताया जा रहा है कि तंवर जी का आप में शामिल होना दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में पार्टी के लिए एक मजबूत समर्थन का संकेत है। आपको बता दें कि इस घटनाक्रम ने दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी है और आगामी विधानसभा चुनाव में दिल्ली के राजनीतिक समीकरणों पर इसका प्रभाव पड़ सकता है।
क्या है ब्रह्म सिंह तंवर का पॉलिटिकल बैकग्राउंड?
ब्रह्म सिंह तंवर दो बार महरौली (1993 और 1998) और एक बार छतरपुर (2013) से विधायक रह चुके हैं, और उनकी गिनती दिल्ली बीजेपी के मजबूत नेताओं में होती रही है। इसके अलावा, वह तीन बार सांसद भी रह चुके हैं, जिससे उनकी राजनीतिक पकड़ और भी मजबूत मानी जाती है। वहीं, ब्रह्म सिंह तंवर ने AAP में शामिल होने के अपने निर्णय पर कहा कि वह पहले से ही पार्टी के साथ काम करने का मन बना चुके थे और अब औपचारिक रूप से इसे अंजाम दिया। तंवर के आप में शामिल होने से पार्टी को दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में मजबूत पकड़ मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
गुर्जर समुदाय से AAP को बढ़त मिलने की है संभावना?
सूत्रों के मुताबिक, AAP तंवर को आगामी विधानसभा चुनाव में छतरपुर से अपना उम्मीदवार बना सकती है। इस कदम से AAP को गुर्जर समुदाय के बीच बढ़त मिलने की संभावना है, क्योंकि तंवर की छवि एक कद्दावर नेता के रूप में रही है। तंवर के AAP में शामिल होने से भाजपा को दिल्ली में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में झटका लग सकता है, जो आने वाले चुनावों में समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।