Delhi Elections 2025: दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर गरमा-गरमी का माहौल है। इन चुनावों में दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच चुनावी लड़ाई मुख्य रूप से कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच ही है। आम आदमी पार्टी के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली की सभी 70 सीटों पर जीत का दावा कर रहे हैं।
दरअसल, दिल्ली में कई अन्य राजनीतिक दल अरविंद केजरीवाल का चुनावी समीकरण बिगाड़ सकते हैं। पहले जीतनराम मांझी की पार्टी HAM दिल्ली की कई सीटों पर अकेले जीतने का ऐलान किया। वहीं नीतिश कुमार भी दिल्ली में सीटों के लिए जद्दोजहद में लगे हुए हैं और अब मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी भी दिल्ली के चुनाव में उतरने का ऐलान कर दिया है।
सभी 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगी मायावती
बसपा साल 1989 से दिल्ली में अपने प्रत्याशी उतारती रही है। लोकसभा में बसपा को भले ही एक भी सीट न मिली हो। लेकिन, विधानसभा चुनाव और निगम चुनाव में सफलता मिलती रही है। इस बार बसपा ने दिल्ली की सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर दी है। ऐसे में बसपा की नजर मुस्लिम वोटर्स और दलित वोटर्स पर रहने वाली है।
इन मुद्दों से मिलेगा फायदा
बीते महीने बाबा साहेब अंबेडकर के नाम पर शुरू हुई राजनीति का उन्हें काफी फायदा मिल सकता है। साथ ही मौलवियों को पिछले 17 महीने से तनख्वाह न मिलने के कारण वे काफी नाराज हैं। इससे आम आदमी पार्टी के काफी मुस्लिम वोटर्स भी आप से दूरी बना सकते हैं। इन दोनों ही मुद्दों का फायदा बसपा को मिल सकता है। साथ ही अरविंद केजरीवाल के बहुत से मतदाता पाला बदलकर बसपा को वोट कर सकते हैं।
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दिल्ली आएंगी मायावती
उम्मीद जताई जा रही है कि अगले हफ्ते चुनाव की घोषणा के बाद पार्टी प्रमुख मायावती दिल्ली आ सकती हैं। उनसे पहले उनके भतीजे आकाश पूर्वी दिल्ली में रैली को संबोधित कर चुनावी शंखनाद कर सकते हैं। बता दें कि बसपा के संस्थापक काशीराम पूर्वी दिल्ली से 1989 और 1991 में लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। सुप्रीमो मायावती भी त्रिलोकपुरी में रहती थीं। 2008 में हुए विधानसभा चुनावों में बसपा ने दो सीटें जीती थीं। हालांकि आम आदमी पार्टी के आने के बाद बसपा की स्थिति कमजोर हो गई और बसपा के काफी वोटर्स ने केजरीवाल को वोट किया। ऐसे में पार्टी का सबसे पहला मकसद होगा कि वो अपने वोटर्स को वापस लाएं और इसके लिए पार्टी अपनी पूरी ताकत झोंकेगी।
कब मिली थी जीत
बता दें कि साल 2008 में बसपा ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया था। इस दौरान विधानसभा चुनाव में दो सीटों पर जीत हीसिल की थी और छह सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी। वहीं बसपा ने नगर निगम चुनाव में साल 2007 में 17 वार्डों पर, साल 2012 में 15 वार्डों पर और साल 2017 में तीन वार्डों पर जीत हासिल की थी। हालांकि साल 2022 में हुए निगम चुनाव के दौरान बसपा को किसी भी वार्ड पर जीत नहीं मिली।
बसपा एक आंदोलन- लक्षमण सिंह
दिल्ली में विधानसभा चुनाव लड़ने के मामले में दिल्ली बसपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह ने कहा कि 'बसपा एक आंदोलन है और दिल्ली की किसी भी पार्टी ने अनुसूचित जातियों के मतदाताओं पर ध्यान नहीं दिया। इस बार बसपा पूरी ताकत के साथ विधानसभा चुनाव लड़ेगी और जल्द ही सभी सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की जाएगी'
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