Manish Sisodia Birthday: आज दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का जन्मदिन है। इस अवसर पर सीएम अरविंद केजरीवल ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक भावुक पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने सिसोदिया की जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए लिखा कि ये दोस्ती बहुत पुरानी है। हमारा स्नेह और भरोसा बहुत मज़बूत है। जनता के लिए काम करने का ये जुनून भी बहुत पुराना है। साजिश रचने वाले लाख कोशिश कर लें। ये भरोसा, ये स्नेह और ये दोस्ती कभी नहीं टूटेगी।
सीएम बोले- झूठे केस में सिसोदिया जेल में बंद
सीएम अरविंद केजरीवाल ने आगे लिखते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने झूठे केस लगाकर मनीष सिसोदिया को पिछले 11 महीने से जेल में बंद करके रखा हुआ है। लेकिन मनीष सिसोदिया इनके जुल्म के आगे डटकर खड़े हुए हैं, इनकी तानाशाही के सामने ना अब तक झुके हैं और ना भविष्य में कभी झुकेंगे। तानाशाही के इस दौर में मनीष सिसोदिया का साहस हम सबको प्रेरणा देता है। अंत में उन्होंने कहा कि जन्मदिन मुबारक हो मनीष।
ये दोस्ती बहुत पुरानी है। हमारा स्नेह और भरोसा बहुत मज़बूत है। जनता के लिए काम करने का ये जुनून भी बहुत पुराना है। साज़िश रचने वाले लाख कोशिश कर लें.. ये भरोसा, ये स्नेह और ये दोस्ती कभी नहीं टूटेगी।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 5, 2024
बीजेपी ने झूठे केस लगाकर मनीष को पिछले 11 महीने से जेल में रखा हुआ है। लेकिन… pic.twitter.com/4ICoifHQ4v
दोनों का साथ काफी पुराना
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आम आदमी पार्टी में सीएम केजरीवाल का सबसे करीबी माना जाता है। करीब एक दशक पहले जब आप को दिल्ली की सत्ता की चाबी हाथ लगी तो केजरीवाल सीएम बने और मनीष सिसोदिया को उपमुख्यमंत्री बनाया गया। सिसोदिया पिछले वर्ष शराब घोटाले के मामले में जेल चले गए। जेल जाने के काफी समय बाद तक वह इस पद पर काबिज रहे। हालांकि, जमानत नहीं मिलने के बाद उन्होंने अपना पद छोड़ दिया। सीएम केजरीवाल ने उनके विभाग नए मंत्रियों सौरभ भारद्वाज और आतिशी में वितरीत कर दिए। हालांकि, डिप्टी सीएम का पद किसी को भी नहीं दिया गया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सीएम केजरीवाल ने कहा था कि सिसोदिया से उनकी मुलाकात ढाई दशक पहले हुई थी। दोनों पहली बार साल 1999 में मिले थे और तब से ही दोस्ती बरकरार है। केजरीवाल ने कहा था कि वह तब आयकर विभाग में नौकरी करते थे और करप्शन के खिलाफ एक गैर सरकारी संगठन बनाना चाहते थे। सरकारी नौकरी में होने के कारण वह इससे सीधे नहीं जुड़ सकते थे।
साथ ही, उन्होंने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर एक एनजीओं का निर्माण किया और वॉलंटियर्स की तलाश के लिए वेबसाइट पर विज्ञापन डाला। इसे देखकर सबसे पहले मनीष सिसोदिया ही पहुंचे थे और तभी इस दोस्ती की नींव पड़ गई थी। इसके बाद में अन्ना हजारे के आंदोलन और राजनीति के हर कदम पर सिसोदिया केजरीवाल के साथ डटकर खड़े रहे।