JNU Slogans: अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले विशाल राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह से पहले जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की कैंपस की दीवारों पर स्लोगन लिखे गए हैं। भाषा अध्ययन केंद्र की दीवारों पर रीबिल्ड बाबरी मस्जिद यानी कि बाबरी मस्जिद फिर से बनाओ लाल रंग से लिखा हुआ है। यह नारे कांग्रेस की छात्र शाखा नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया के नाम के ऊपर दिखाई देते हैं। हालांकि, एनएसयूआई ने कहा कि इस मामले से उसका कोई भी संबंध नहीं है।
एनएसयूआई के अध्यक्ष ने क्या कहा
जेएनयू इकाई के अध्यक्ष सुधांशु शेखर ने बताया कि संगठन का नाम पहले से ही काले मार्कर में मौजूद था और नारे बाद में लाल मार्कर में जोड़े गए थे। शेखर ने आरोप लगाया कि यह एनएसयूआई की छवि खराब करने का प्रयास है और उन्होंने जेएनयू प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं, जेएनयू के चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर नवीन यादव ने कहा कि इस घटना की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले भी एक जाति विशेष को निशाना बनाकर नारे लिखे गए थे, लेकिन कोई जांच नहीं हुई। इस मामले पर जेएनयू के कुलपति और रजिस्ट्रार की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई दी गई है।
ऐसी घटनाएं पहले भी सामने आईं
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब जेएनयू की दीवारों पर इस तरह के नारे लिखे गए हों। अक्टूबर माह में भी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में दीवारों पर उत्तेजक और देश-विरोधी नारे लिखे पाए गए थे। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था। जेएनयू के अंदर की दीवारों पर भगवा जलेगा, फ्री कश्मीर और फ्री आईओके (भारत अधिकृत कश्मीर) जैसे भड़काऊ नारे लिखे गए थे। इसके बाद एबीपी ने जेएनयू प्रशासन को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग की थी।
वहीं, पिछले साल दिसंबर में भी जेएनयू कैंपस में ऐसी ही घटना सामने आई थी। परिसर की दीवारों पर ब्राह्मणों और बनियों के खिलाफ नारे लिख गए थे। उस समय स्कूल ऑफ इंटरनेशनल की दीवारों पर लाल रंग से ब्राह्मणों, कैंपस छोड़ो, ब्राह्मण-बनिया हम तुम्हारे लिए आ रहे हैं, तुम्हें बख्शा नहीं जाएगा। इस तरह के नारे लिखे गए थे। हालांकि, कैंपस की तरफ से कहा गया था कि इस तरह के कृत्य करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।