Delhi AAP News: दिल्ली लोकसभा चुनाव के लिए 25 मई को मतदान होना है। आज प्रचार का आखिरी दिन है। प्रचार के आखिरी दिन भी आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने ऐसी सियासी भूल कर दी है, जिसका खामियाजा आम आदमी पार्टी को भुगतना पड़ सकता है। दरअसल, अरविंद केजरीवाल आज अपने माता-पिता के साथ नजर आए। आरोप लगाया कि मोदी की पुलिस उनके बूढ़े माता-पिता से पूछताछ करने आ रही है, लिहाजा उन्हें एक कमरे में ले जा रहे हैं। इस पोस्ट के बाद से ही बवाल मच गया। बीजेपी ही नहीं बल्कि आम लोग भी इसे सियासी हथकंडा मान रहे हैं। आइये बताते हैं कि स्वाति मालीवाल पिटाई कांड में अरविंद केजरीवाल के माता-पिता की एंट्री कैसे हो गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल 13 मई को सीएम आवास पर गईं थीं। यहां पर उन्होंने अरविंद केजरीवाल के माता-पिता से मुलाकात की। बातचीत के बाद वो सीएम हाउस के ड्राइंग रूम में जाकर बैठ गईं, जहां अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार ने उनसे मारपीट की। ऐसे में पुलिस अरविंद केजरीवाल के माता-पिता से पूछताछ करना चाहती है। इसके लिए उनसे मिलने का समय मांगा था। लेकिन पुलिस पहुंचती, इससे पहले ही सियासत शुरू हो चुकी थी। आतिशी और सौरभ भारद्वाज समेत आम आदमी पार्टी के कई नेता सीएम आवास पहुंचे, जिसके कुछ समय बाद ऐसा वीडियो सामने आया, जिसने सबको चौंका दिया।
क्या है इस वीडियो में
दरअसल, इस वीडियो में सीएम केजरीवाल अपने पिता और सुनीता केजरीवाल उनकी मां का हाथ पकड़कर बाहर आते दिखाई दिए। पीछे संजय सिंह, आतिशी और सौरभ भारद्वाज भी दिखाई दे रहे हैं। अरविंद केजरीवाल ने यह वीडियो शेयर करते हुए पीएम मोदी पर आरोप लगा दिया। नीचे देखिये अरविंद केजरीवाल ने अपनी पोस्ट में पीएम मोदी के खिलाफ क्या लिखा...
यूजर्स के निशाने पर आए सीएम केजरीवाल
बता दें कि पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि आज सीएम केजरीवाल के माता पिता से पूछताछ नहीं होगी। हालांकि उपरोक्त वीडियो को देखते ही कई यूजर्स ने सीएम केजरीवाल पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। कई लोग सवाल कर रहे हैं कि जिस ड्राइंग रूम में स्वाति मालीवाल से मारपीट हुई, क्या वहां पर पूछताछ नहीं हो सकती। वहीं, कुछ लोग इस नौटंकी बता रहे हैं। यही नहीं, बीजेपी के कई नेता भी कमेंट कर रहे हैं। हालांकि गिने चुने लोग हैं, जो इस मामले को लेकर अरविंद केजरीवाल का समर्थन कर रहे हैं।
ये 4 अन्य सियासी गलतियां भी 'आप' के लिए भारी
यह पहला मौका नहीं है, जब अरविंद केजरीवाल ने बड़ी सियासी गलती है। तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद भी कई गलतियां की हैं। चलिये सिलसिलेवार बताते हैं....
पहली गलती: स्वाति मालीवाल केस पर चुप्पी
सबसे बड़ी सियासी गलती यह रही कि स्वाति मालीवाल मामले में सीएम केजरीवाल ने चुप्पी साधे रखी। आप सांसद संजय सिंह ने माना था कि बिभव कुमार ने सीएम आवास पर स्वाति मालीवाल से अभद्रता की, लेकिन अगले ही दिन सीएम केजरीवाल और बिभव एक साथ नजर आए। यही नहीं, लखनऊ में जब मीडिया से इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली। बीजेपी इसी चुप्पी को लेकर अपनी सियासत भूना रही है।
दूसरी गलती: स्वाति पर हमला, बिभव का किया बचाव
स्वाति मालीवाल से 13 मई को मारपीट हुई थी। मारपीट के तीसरे दिन आतिशी सामने आईं और स्वाति मालीवाल को बीजेपी का मोहरा बता दिया। इसके बाद भी आतिशी लगातार स्वाति पर हमले बोलती रहीं, लेकिन सीएम केजरीवाल ने चुप्पी नहीं तोड़ी। केजरीवाल की चुप्पी पहली बार तब टूटी, जब 18 मई को बिभव कुमार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हुई। आप सुप्रीमो ने खुली चेतावनी दी कि हम 19 मई को बीजेपी मुख्यालय में आएंगे, गिरफ्तार कर लेना। हालांकि वे अपने विधायकों और सांसदों के साथ सड़कों पर तो उतरे, लेकिन आधे घंटे बाद ही सीएम हाउस लौट गए।
तीसरी गलती: धमकी को पीएम मोदी की साजिश बताया
स्वाति मालीवाल से इतर अपने खिलाफ हर मामले को पीएम मोदी से जोड़ने का प्रयास किया। मसलन, 19 मई को खबर सामने आई कि पटेल नगर और राजीव नगर मेट्रो स्टेशन पर सीएम केजरीवाल को जान से मारने की धमकी वाले मैसेज लिखे गए हैं। इसके बाद आम आदमी पार्टी के कई नेता सामने आए और इसके लिए पीएम मोदी की साजिश बता दिया। हालांकि दो दिन के भीतर दिल्ली पुलिस ने आरोपी को अरेस्ट कर लिया। पूछताछ में 32 वर्षीय आरोपी अंकित गोयल ने बताया कि उसने फेमस होने के लिए यह लिखा था। साथ ही, वो उनकी राजनीति से भी खुश नहीं था। हालांकि इस मामले से आप के आरोपों पर विश्वसनीयता और कम होती चली गई।
चौथी गलती: पेयजल किल्लत पर भी झूठा निकला दावा
सीएम केजरीवाल पीठ थपथपा रहे हैं कि भीषण गर्मी के बावजूद दिल्ली में बिजली कट नहीं लग रहे हैं। हालांकि 'आप' ने आरोप लगाया कि दिल्ली को हरियाणा पानी नहीं दे रहा है। इससे लोगों की परेशानियां बढ़ रही हैं। लेकिन, दिल्ली जल बोर्ड ने ही इन आरोपों का खंडन कर दिया। दिल्ली जल बोर्ड ने कहा कि यमुना का जलस्तर कम होने के पीछे कई कारक हैं। इसके लिए हरियाणा जिम्मेदार नहीं हैं। दिल्ली जल बोर्ड ने पिछले पांच सालों में मई माह में मापे गए यमुना जलस्तर के आंकड़े रखकर आम आदमी पार्टी के आरोपों का खंडन कर दिया।