Delhi Politics: दिल्ली बीजेपी ने सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ तिहाड़ जेल के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और केजरीवाल से इस्तीफे की मांग की है। इससे पहले सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी को लेकर कहा कि यह गिरफ्तारी बिना किसी कारण के तो नहीं हो सकती है, अर्थात कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को वैध बता दिया था, जिसके बाद दिल्ली बीजेपी अरविंद केजरीवाल पर भड़क उठे हैं और सीएम पद से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट भी केजरीवाल को दे चुका है इशारा- सचदेवा
बीजेपी ने तिहाड़ जेल के बाहर प्रदर्शन करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल को पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं बचा है। इसलिए अब दिल्ली की जनता भी मांग कर रही है कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट भी इससे पहले उन्हें इशारा दे चुका है। दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने मंगलवार को दिल्ली की तिहाड़ जेल के बाहर जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग को लेकर आयोजित भाजपा के विरोध प्रदर्शन के दौरान यह संबोधन दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में भाजपा निगम पार्षद, वरिष्ठ पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी कर केजरीवाल से इस्तीफा देने की मांग की।
'शराब घोटाले के मुख्य सूत्रधार हैं केजरीवाल'
सचदेवा ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चाहे दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर किसी को बैठा ले लेकिन वह दिल्ली की सरकार को चलने दें क्योंकि वर्तमान स्थिति में जनता को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। पिछले मार्च से लेकर अभी तक एक भी कैबिनेट बैठक नहीं हुई है, क्योंकि दिल्ली के मुख्यमंत्री जेल के अंदर है प्रशासन ठप है। करोड़ों रुपए के कमीशन खाने के आरोपी अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले के मुख्य सूत्रधार हैं और इसी आधार पर हाईकोर्ट ने उनकी याचिका रद्द की है। केजरीवाल को अपने आलीशान आवास का मोह उन्हें इस्तीफा देने से रोक रहा है।
'ढाई सालों में सिर्फ 71 कैबिनेट बैठक'
सचदेवा ने आगे कहा कि दिल्ली में 20 मिनट की बारिश पूरी दिल्ली को जलमग्न कर देती है और भयंकर जाम का लोगों को सामना करना पड़ता है, लेकिन दिल्ली के मंत्री सिर्फ झूठ बोलते हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया एवं पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन जेल में है और बाकी जो मंत्री एवं विधायक बाहर हैं वह सिर्फ प्रेस वार्ता में व्यस्त हैं। दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाला आशा किरण होम में 14 बच्चों की एक ही सप्ताह में मृत्यु हो जाती है, लेकिन उनकी कोई सुध लेने को तैयार नहीं है। पिछले ढाई सालों में कुल 71 कैबिनेट बैठके करवाई गई हैं, जिनमें से सिर्फ 15 असल फिजीकल कैबिनेट बैठक हुई हैं और बाकी 56 बैठक में सिर्फ एक तुगलकी टेलिफोनिक फरमान जारी कर दिया गया।
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