How many MLAs in Delhi have criminal cases in 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों के बाद जारी एनालिसिस के अनुसार, इस बार आपराधिक मामलों का सामना कर रहे विधायकों की संख्या घटी है। चुनावी सुधार संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और दिल्ली इलेक्शन वॉच के एनालिसिस में पाया गया कि 70 में से 31 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि 2020 में यह संख्या 43 थी। हालांकि, यह गिरावट राहत की बात है, लेकिन गंभीर आपराधिक मामलों में लिप्त विधायकों की संख्या अब भी एक गंभीर मुद्दा बनी हुई है।  

गंभीर अपराधों में संलिप्तता, हत्या के प्रयास और महिला अपराध भी शामिल

ADR के एनालिसिस के अनुसार, 17 विजयी उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें हत्या के प्रयास, महिलाओं के खिलाफ अपराध और अन्य गंभीर अपराध शामिल हैं। साल 2020 में 37 विधायकों पर गंभीर आपराधिक मामले थे, जबकि इस बार यह संख्या 17 पर सिमट गई है। एक नवनिर्वाचित विधायक पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है। दो विधायकों के खिलाफ महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले दर्ज हैं।  

भाजपा और आप के विधायकों पर आपराधिक मामलों का एनालिसिस

पार्टीवार एनालिसिस करें तो भाजपा और आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों पर आपराधिक मामलों के अलग-अलग आंकड़े सामने आए हैं। भाजपा के 48 में से 16 विधायक आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं, जिनमें से 7 पर गंभीर आपराधिक आरोप हैं। आप के 22 में से 15 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 10 गंभीर आपराधिक मामलों से जुड़े हैं।  

विधायकों की संपत्ति में वृद्धि, औसत संपत्ति 22 करोड़ के पार

चुनाव एनालिसिस में यह भी सामने आया कि नवनिर्वाचित विधायकों की संपत्ति में काफी वृद्धि हुई है। 2020 में विधायकों की औसत संपत्ति 14.29 करोड़ रुपये थी, जो अब बढ़कर 22.04 करोड़ रुपये हो गई है। भाजपा के विधायकों की औसत संपत्ति सबसे अधिक 28.59 करोड़ रुपये आंकी गई, जबकि आप के विधायकों की औसत संपत्ति 7.74 करोड़ रुपये रही। भाजपा के तीन विधायकों की संपत्ति 115 करोड़ से लेकर 259 करोड़ रुपये के बीच है, जबकि आप के तीन विजयी उम्मीदवारों की संपत्ति 20 लाख रुपये से भी कम है।  

सबसे अमीर और सबसे गरीब विधायक कौन?

सबसे अमीर विधायक भाजपा के करनैल सिंह हैं, जिनकी संपत्ति 259.67 करोड़ रुपये है। मनजिंदर सिंह सिरसा (248.85 करोड़ रुपये) और परवेश वर्मा (115.63 करोड़ रुपये) भी शीर्ष अमीर विधायकों में शामिल हैं। सबसे गरीब विधायक आप पार्टी से हैं, जिन्होंने 20 लाख रुपये से कम संपत्ति घोषित की।  

विधायकों की देनदारियां और शिक्षा स्तर

23 विधायकों ने 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक की देनदारी घोषित की। भाजपा के परवेश वर्मा पर सबसे अधिक 74 करोड़ रुपये की देनदारी है। 64% विधायक स्नातक या उससे ऊपर की डिग्री रखते हैं, जबकि 33% ने अपनी शिक्षा 5वीं से 12वीं कक्षा तक बताई।  

महिला प्रतिनिधित्व में गिरावट, केवल 5 महिलाएं निर्वाचित

दिल्ली विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी में गिरावट देखी गई। 2020 में जहां 8 महिला विधायक चुनी गई थीं, वहीं इस बार सिर्फ 5 महिलाएं ही विधानसभा पहुंच सकीं। यह गिरावट राजनीतिक दलों द्वारा महिला उम्मीदवारों को कम संख्या में टिकट देने की ओर इशारा करती है।  

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फिर से चुने गए विधायकों की संपत्ति में 25% वृद्धि

जो विधायक दोबारा चुनाव जीतकर आए हैं, उनकी संपत्ति में भी इजाफा हुआ है। 2020 में इनकी औसत संपत्ति 7.04 करोड़ रुपये थी, जो अब 8.83 करोड़ रुपये हो गई है। संपत्ति में यह 25% की वृद्धि दर्शाती है कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की आर्थिक स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है। चुनाव के नतीजों से यह साफ होता है कि अपराधियों की संख्या में गिरावट आई है, लेकिन यह मुद्दा अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। साथ ही, विधायकों की संपत्ति में लगातार वृद्धि हो रही है, जो राजनीति के साथ धनबल के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है। महिलाओं की भागीदारी में कमी भी लोकतंत्र के लिए एक चुनौती बनी हुई है।

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