Delhi News: दक्षिण-पूर्वी दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में 16 मार्च रविवार की शाम एक मजदूर की मौत हो गई। दरअसल, तीन मजदूर सीवर साफ करने के लिए नीचे उतरे थे, जो जहरीली गैस की चपेट में आ गए। तीनों मजदूर इस सीवर में फंस गए थे। एक मजदूर शिवदास को सुरक्षा गार्ड ने सकुशल बाहर निकाल लिया था। हालांकि दो अन्य मजदूरों को नहीं निकाल पाए।

दमकल विभाग ने मजदूरों को निकाला बाहर

इसके बाद दमकल विभाग को इसकी सूचना दी गई। दमकल विभाग ने दो अन्य मजदूरों को बाहर निकाला, उनकी हालत काफी खराब थी। इन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने एक मजदूर को मृत घोषित कर दिया। वहीं दूसरे मजदूर का इलाज चल रहा है। मृतक की पहचान पंतलाल चंदर के रूप में हुई है। वहीं मजदूर रामकिशन का इलाज चल रहा है। 

दिल्ली के सरोजिनी नगर में हुआ था दूसरा हादसा

कुछ महीने पहले ही दिल्ली के सरोजिनी नगर इलाके में एक कंस्ट्रक्शन साइट पर सीवर लाइन साफ करते समय 3 मजदूरों की मौत हो गई। दरअसल, ये तीनों मजदूर सीवर लाइन साफ करने के लिए सीवर के अंदर उतरे थे। सीवर लाइन से निकल रही जहरीली गैस के कारण तीनों मजदूरों का दम घुट गया था और उनकी मौत हो गई।

97 मौत, 75 का आंकड़ा 

बता दें कि इससे पहले भी कई बार मजदूरों की मौत हो गई है। अब तक लगभग 97 मजदूरों की मौत हो चुकी है। हालांकि दस्तावेजों में ये आंकड़ा केवल 75 है। इतने लोगों की मौत में अब तक केवल एक ही शख्स को दोषी करार दिया गया। ऐसे में सवाल ये है कि इतनी मौतों का जिम्मेदार कौन? 

9 मामलों में क्या हुआ?

एक RTI के तहत मिली जानकारी के अनुसार, कागजों में लिखी 75 मौतों में केवल 38 मामलों का केस दर्ज है और केवल 9 मामलों का निपटारा किया गया है। इन 9 मामलों में 19 लोगों की जान गई थी। सीवर हादसे से जुड़े इन 9 मामलों में एक पर दोष सिद्ध हुआ है। दो मामलों में लोगों को बरी कर दिया गया। एक मामले में समझौता हुआ। एक रिपोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट फाइल हुई। वहीं दो मामलों में तो पुलिस आरोपियों का ही पता नहीं लगा पाई। 

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